बिहार में नीतीश ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन कमल के बजाय लालटेन के साथ

वहीं कांग्रेस ने कहा है कि उसकी लड़ाई सत्ता के लिए नहीं बल्कि विचारधारा की है, वे उन दलों का समर्थन करेंगे जो भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे हैं ताकि देश की धर्मनिरपेक्षता को बचाया जा सके. कांग्रेस नेता तारिक़ अनवर ने कहा कि, “वो नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं कि वह भाजपा छोड़कर महागठबंधन का हिस्सा बन रहे हैं.

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लखनऊ / दिल्ली । | बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) का गठबंधन टूट गया है. नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है। इस्तीफ़ा देने के बाद नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के घर पहुँचे जहाँ उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के अलावा महागठबंधन की अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक की। कल बुधवार को दोपहर 2 बजे नितीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री के रूप में राजभवन में शपथ लेंगे।

2017 में भी नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनायी थी. नीतीश कुमार का कहना है कि जदयू के सभी विधायक चाहते थे कि भाजपा से गठबंधन तोड़ा जाए। तेजस्वी यादव ने की नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन से बिहार को कोई फ़ायदा नहीं हुआ था।

तेजस्वी ने कहा कि, “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया और न ही कोई पैकेज मिला, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कहते हैं कि वो क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त करेंगे, वो विपक्ष और लोकतंत्र को समाप्त करना चाहते हैं और हमारा दायित्व संविधान को बचाना है. भाजपा सिर्फ़ डराने का काम करती है. हम नीतीश जी को धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने फ़ैसला लेने का काम किया.”

तेजस्वी ने महाराष्ट्र पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि, “भाजपा जिसके भी साथ रहती है उसे ख़त्म कर देती है, देश में अराजकता का माहौल है और सांप्रदायिकता फल-फूल रही है जिससे सामाजिक न्याय प्रभावित हो रहा है.”उन्होंने कहा कि, “आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज ही के दिन भारत छोड़ो आंदोलन छेड़ा गया था और आज बिहार ने देश को दिशा दिखाने का काम किया है.”

भाजपा ने नीतीश कुमार पर “गठबंधन धर्म” तोड़ने का आरोप लगाया है. भाजपा का कहना है कि 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता ने NDA को सत्ता सौंपी थी लेकिन नीतीश कुमार ने इससे विश्वासघात किया है। ऐसी भी चर्चा हैं कि JDU नेता आर सी पी सिंह के पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद नीतीश कुमार को यह आभास होने लगा था कि भाजपा JDU विधायकों को तोड़ना चाहती है. इससे पहले कि भाजपा कोई नया राजनीतिक दाँव चलती नीतीश कुमार ने NDA से गठबंधन तोड़कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया।

वहीं कांग्रेस ने कहा है कि उसकी लड़ाई सत्ता के लिए नहीं बल्कि विचारधारा की है, वे उन दलों का समर्थन करेंगे जो भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे हैं ताकि देश की धर्मनिरपेक्षता को बचाया जा सके. कांग्रेस नेता तारिक़ अनवर ने कहा कि, “वो नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं कि वह भाजपा छोड़कर महागठबंधन का हिस्सा बन रहे हैं.” बिहार विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या 243 है, इस समय है RJD के पास सर्वाधिक 79 सीटें हैं वहीं जदयू और भाजपा के पास क्रमशः 45 और 77 सीटें हैं, कांग्रेस के पास 19 और वाम दलों के पास 16, 1 सीट AIMIM और हम पार्टी के पास 4 सीटें हैं। RJD नेता तेजप्रताप यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, “बिहार की जनता को उनकी जीत के लिए बधाई, आखिरकार बुराई पर अच्छाई की विजय हुई, चलो अब सच की ताकत से विकास की नई गाथा लिखी जाये.”।

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