भटकने से मिलेगी मुक्ति, बलरामपुर अस्पताल में मेडिकल कॉलेज जैसी सुविधाएं जल्द

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने ऐलान किया कि लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल को मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर विकसित किया जायेगा। बलरामपुर अस्पताल के स्थापना दिवस समारोह में डिप्टी सीएम ने चिकित्सकों का आह्वान किया कि वो मरीजों के साथ संवेदनाशील बनें।

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लखनऊ  (राज्य मुख्यालय) । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित बलरामपुर अस्पताल का 154वां स्थापना दिवस समारोह शुक्रवार को मनाया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि अस्पताल में आने वाले सभी रोगियों को इलाज मुहैया कराया जाए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। आधुनिक सुविधाओं से अस्पताल को लैस किया जाए ताकि गंभीर रोगियों को और बेहतर इलाज मिल सके। इसके लिए बजट की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। बलरामपुर अस्पताल को मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर विकसित किया जाए।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल प्रदेश के चुनिंदा सरकारी अस्पतालों में एक है। बेड के लिहाज से सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। अस्पताल में इलाज के साथ पढ़ाई की सुविधा को बढ़ावा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध कार्य की दिशा में भी कदम बढ़ाने की जरूरत है।

डिप्टी सीएम (Deputy CM) बृजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार हर स्तर पर अस्पताल की मदद को तैयार है। अस्पताल प्रस्ताव बनाकर भेजे। पूरी मदद होगी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि रोगियों के हित में सरकार लगातार कदम उठा रही है। नई योजनाओं को शुरू किया जा रहा है। सरकारी अस्पताल के अधिकारी थोड़ा संजीदा रहकर मरीजों को असुविधा से बचा सकते हैं।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रोगी कल्याण समिति के बजट का अस्पताल भरपूर नियमानुसार उपयोग करें। अस्पताल के दरवाजे खिड़की, साफ सफाई, पानी आदि की सुविधा को व्यवस्था रखने पर बजट खर्च करें। इन छोटी-छोटी दिक्कतों को दूर कर अस्पताल को बेहतर बना सकते हैं।

उप मुख्यमंत्री ने लावारिस वार्ड का नाम बदलने की अपील की। प्रेक्षागृह में बैठे लोगों से सुझाव मांगे। डॉक्टरों ने लावारिश वार्ड का नाम पद्मश्री डॉ. एससी राय के नाम पर करने का सुझाव दिया। लिहाजा अब लावारिस वार्ड का नाम डॉ. एससी राय वार्ड के नाम से जाना जाएगा।स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के प्रति रोगियों का भरोसा बढ़ रहा है। यह सब डॉक्टर व कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है। ओपीडी व भर्ती रोगियों की सेहत का खयाल रखें। नियमित राउंड लें। कार्यक्रम में बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल, सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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