जान को कोविड ने छीना अब जहान भी छीनने की कोशिशें कर रहा ससुराल, विधवा बहू का हाल बेहाल

उत्तराखण्ड राज्य के कोटद्वार निवासी अमित मित्तल की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी। अमित की विधवा ऊषा ने अपने ससुराल पक्ष पर आरोप लगाया है कि उनकी नियत ठीक नहीं है, उनके ससुराल वाले उनका पारिवारिक हिस्स हड़पने की जुगत में हैं।

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लखनऊ /कोटद्वार। वैश्विक महामारी कोविड के दौरान उसकी विभीषिका से बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति अपनी अपनी तरह से कोशिशें कर रहा था उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को ढाढस बंधाते हुए कहा था कि भारत सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है कि प्रत्येक भारतीय सुरक्षित रहे इसके लिए उन्होंने ‘जान भी जहान भी’ का नारा दिया था। ताजा मामला उसी कोविड के दौरान का है। उत्तराखण्ड राज्य के कोटद्वार निवासी अमित मित्तल की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी। अमित की विधवा ऊषा ने अपने ससुराल पक्ष पर आरोप लगाया है कि उनकी नियत ठीक नहीं है, उनके ससुराल वाले उनका पारिवारिक हिस्स हड़पने की जुगत में हैं।

आपको बता दें कि पति अमित कुमार मित्तल की मृत्यु के बाद पारिवारिक बंटवारे में उनकी विधवा उषा मित्तल के हिस्से में एक करोड़ बानबे लाख रुपये की संपत्ति आई थी जिसके लिए उनकी सास ने चार चेक दिये थे लेकिन वो चारों चेक बाउंस हो गये। श्रीमती ऊषा ने हमारे संवाददाता को बताया कि बैंक में पता करने पर पता चला कि जिस अकाउंट से चेक जारी किया गया था वो अकाउंट बंद कर दिया गया है। इस बाबत जब बहू ऊषा मित्तल ने ससुराल वालों से पूछा तो उन लोगों ने उनके साथ बदतमीजी की।

बताते चलें कि ससुराल वालों विशेषकर देवर नितिन मित्तल एवं सास लक्ष्मी देवी की प्रताड़ना से तंग आकर ऊषा मित्तल ने लखनऊ के कैसरबाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। लखनऊ की निचली अदालत में भी एक परिवाद ऊषा मित्तल बनाम लक्ष्मी देवी विचाराधीन है।

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