नकारात्मक और आसुरी शक्तियों के अंत का उल्लास है दीपोत्सव : योगी आदित्यनाथ

संपूर्ण भारत में रामराज्य की अवधारणा, जिसमें व्यक्ति-व्यक्ति के बीच जाति, मत, मजहब के आधार पर भेद भाव न हो, इसी संकल्प का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में एक बार फिर आधारशिला रखी। आगामी जनवरी माह में प्रभु श्रीराम के मंदिर का यहां भव्य रूप उद्घाटन होने जा रहा है।

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लखनऊ /अयोध्या । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां राम की पैड़ी से देश हुए कहा कि भगवान श्रीराम द्वारा आसुरी शक्तियों के अंत के संकल्प की पूर्ति का उल्लास है दीपोत्सव। हमारा प्रयास होना चाहिए कि दीपोत्सव का ये पर्व देश के हर गरीब और वंचितों के जीवन में नई खुशहाली लेकर आए। उन्होंने कहा कि अयोध्या को वैश्विक मान्यता दिलाना ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है।

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन के दौरान दुनिया के 54 देशों से अयोध्या पधारे राजनयिकों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि दीपोत्सव का हर संस्करण पूरी दुनिया में भव्यता के साथ आगे बढ़ रहा है। दीपावली का आयोजन पूरे भारत में श्रीराम के 14 वर्ष के वानवास के उपरांत अयोध्या वापसी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। ये उत्सव भगवान राम के केवल वनागमन से वापसी का नहीं है बल्कि वन्य क्षेत्र को अभय प्रदान करना, नाकारात्मक शक्तियों और राक्षसी प्रवृतियों का सर्वथा अंत करने का जो सकल्प उन्होंने लिया था, उसकी पूर्ति के बाद अयोध्या आगमन और यहां रामराज्य के आधारशिला की शुरुआत का महा उत्सव है।

संपूर्ण भारत में रामराज्य की अवधारणा, जिसमें व्यक्ति-व्यक्ति के बीच जाति, मत, मजहब के आधार पर भेद भाव न हो, इसी संकल्प का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में एक बार फिर आधारशिला रखी। आगामी जनवरी माह में प्रभु श्रीराम के मंदिर का यहां भव्य रूप उद्घाटन होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये आयोजन और भी भव्यता के साथ भगवान श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप एक नई खुशहाली और समृद्धि की ओर हमें अग्रसर करता रहेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए पिछले चार दिन से जुटे 25 हजार वॉलेंटियर्स को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जयवीर सिंह, राकेश सचान, 54 देशों के राजनयिक, अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह, सभी विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष, साधु-संत एवं विभिन्न मठों के महंतगण, भाजपा, विहिप एवं विभिन्न सांस्कृति सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिगण व प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

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