सिर्फ चौकीदार क्यों? वर्दी वाला कोट वाला ऐप्रन वाला क़लम वाला.. सब चोर हैं!

राजनैतिक दलों ने लोकसभा चुनाव 2019 अभियान को पॉज़िटिवीटी के बजाय निगेटिवीटी पर केंद्रित कर दिया है ये सूरते हाल जनता के लिए बहुत हानिकारक है।

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पत्नी पति को मार रही है  डॉक्टर के लिए मरीज चारागाह बन गया है जज ज़मानतदार हो गया है  पुलिस पैसे वालों की पैरोकार बन गई है तो फिर

क्यों गली गली में शोर है

सिर्फ चौकीदार ही चोर है!

इस बार लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव विकास व रोजगार से भटक कर सिर्फ चौकीदार पर केंद्रित हो गया हैl  क्या जनता को बेवकूफ बनाकर चुनाव जीतने की एक कूट रचित साजिश के समान हो गया है इस बार का लोकसभा चुनाव 2019 ? हमें कोई ऐसी राजनीतिक पार्टी नहीं दिखी जो देशहित, विकास, रोजगार, पर्यावरण संरक्षण  नैतिक आचरण के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा होl हर कोई बस लॉलीपॉप दे कर और भावनााओं को बेच कर दिल्ली की गद्दी हथियाना चाहता है  जनता को आत्म निर्भर बनाने की जगह पार्टी पर निर्भर रहने की चाल चल रहे हैंl

मतदान का निशान

ठीक है आप चौकीीदा चोर का नारा दीजिये लेेकि आप चोरी नहीं करेंें इसका भरोोसा भी तो दीीजि क्यों कि सिर्फ “चौकीदार चोर है” कहकर जो चुनावी मैदान में आ गये हैं, वो स्वयं के गिरेबान में  भी  झांक कर  देख लें कि, वो कितना शुद्ध व साफ सुथरे हैं।

जातिवाद परिवार वाद के नाम पर व फूट डालो राज करो की नीति के अलावा आप के पास ‘हम भारत के लोग’ के लिए क्या नीति है ये जनता को बताईये तो मुमकिन है कि आप की शुद्धता और साफ सुथराई को देख कर जनता आप को ही पीएम चुन ले।

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