गुणवत्तापरक शोध व्यवस्थाओं के लिए प्रतिबद्ध है एकेटीयू: प्रो. पाठक

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प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका स्प्रिंगर नेचर एकेटीयू को देगा दो माह फ्री एस्सेस

एकेटीयू में स्प्रिंगर नेचर ने किया शुरू किया ट्रायल प्रोजेक्ट

लखनऊ| डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि के सभागार में विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में विधिवत रूप से प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका स्प्रिंगर के साथ ट्रायल प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी है| इस ट्रायल प्रोजेक्ट के तहत एकेटीयू के 40 सम्बद्ध संस्थानों में स्प्रिंगर ने आज से  2 माह के लिए मुफ्त एस्सेस देनी शुरू कर दी है| इस एस्सेस के अंतर्गत 200 शोध जर्नल्स  को फ्रीली उपलब्ध करवा दिया गया है| इस अवसर पर विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि मेरा यह उद्देश्य है कि विवि में गुणवत्तापरक शोध कार्यों को बढ़ावा मिले साथ ही हमारे छात्रों को शोध कार्यों के लिए विश्वस्तर के रिसोर्सेस मिल सकें| उन्होंने कह कि वर्तमान में शोध को बढ़ावा देने के लिए एक एको सिस्टम डेवेलोप करने की जरूरत है, स्प्रिंगर के साथ फ्री एक्सेस ट्रायल प्रोजेक्ट इसी क्रम में शुरुआत मात्र है| ट्रायल प्रोजेक्ट की शुरुआत के बाद अब विवि के सम्बद्ध संस्थानों में शिक्षण कार्य कर रहे हजारों शिक्षक एवं लाखों छात्र-छात्राएं स्प्रिंगर पर मुफ्त अपने विषय से सम्बंधित शोध पत्र प्राप्त कर सकेंगे| कार्यक्रम के दौरान विवि के कुलसचिव पवन कुमार गंगवार ने कहा कि विवि प्रशासन ने गुणवत्तापरक शोध वातावरण की अपनी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए स्प्रिंगर के साथ ट्रायल प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला लिया है| उन्होंने ने कहा कि विवि कुलपति प्रो. पाठक की अगुवाई में गुणवत्तापरक तकनीकी शिक्षा की सुनिश्चितता के लिए अग्रणी कार्य कर रहा है| कार्यक्रम के संयोजक प्रो. मनीष गौड़ ने कहा कि आज जब लगभग 25 करोड़ स्मार्टफ़ोन यूजर्स भारत में मौजूद ऐसे में शोध की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्प्रिंगर जैसे जर्नल की एस्सेस अपने छात्र-छात्राओं को मुहैया करना एक सकारात्मक पहल है| कार्यक्रम में उपस्थित स्प्रिंगर नेचर के एसोसिएट डायरेक्टर आशीष सूद ने एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम स्प्रिंगर नेचर पर उपलब्ध विभिन्न विषयों के शोध पत्रों एवं उन्हें सब्सक्राईब करने के बारे में जानकारी दी, साथ ही उन्होंने कहा कि पहले जिन 40 संस्थानों ने अपने स्टैटिक आईपी (इन्टरनेट प्रोटोकॉल) उपलब्ध करवा दी थी उनको  एक्सेस मुहैया करवा दी गयी है और जो भी सम्बद्ध संस्थान स्टैटिक आईपी उपलब्ध करवा देगा उसे एक्सेस प्रदान कर दी जाएगी| विवि के एसो-डीन पीजीएसआर प्रो. वीरेंद्र पाठक ने कहा कि पीएचडी एवं एमटेक के छात्रों के लिए स्प्रिंगर जैसे अंतर्राष्ट्रीय जर्नल की एक्सेस संजीवनी का कार्य करेगी| इस अवसर पर विवि के 40 सम्बद्ध संस्थानों के प्रतिनिधि एवं स्प्रिंगर टीम के लोग उपस्थित रहे| कार्यक्रम का संचालन आईईटी की शोध छात्रा एनी इरफ़ान ने किया|

स्प्रिंगर नेचर

स्प्रिंगर नेचर एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका है| जोकि रिकॉर्ड हर वर्ष लगभग 7500 पुस्तकें एवं हजारों की संख्या में शोध पत्र ऑनलाइन पब्लिश करती है| साथ ही लगभग प्रत्येक विषय चाहे वह साइंस का हो या सोशल साइंस का सभी विषय के शोध पत्र इसमें प्रकाशित होते हैं| 

2 COMMENTS

  1. ये एक अच्छी शुरुआत है| इससे शोध कार्य में संलग्न एकेटीयू के शोधार्थियों का मनोबल बढ़ेगा|

  2. स्प्रिंगर एक बहुत अच्छारिसर्च जर्नल है| इसके जरिये हम दुनिया में हो रही गुणवत्तापरक शोध कार्यों तक आसानी से पहुँच सकेंगे|

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