World Wildlife Day : पशुओं को बचाएंगे, जीवन को खुशहाल बनाएंगे

20 दिसंबर 2013 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly – UNGA) ने अपने 68वें सत्र में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में नामित किया था। इस दिन 1973 में, वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES) को अपनाया गया था

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लखनऊ  / दिल्ली । दुनिया भर में लुप्त हो रहे वनस्पति और जीव जंतुओं की प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस यानी वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि दुनिया में करीब 3,500 बाघ (Tiger) बचे हैं? इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) ने बाघों की लुप्त हो रहीं प्रजातियों की लाल सूची में संकटग्रस्त के रूप में वर्गीकृत किया है।

वे जानवर जो बिना किसी मानव्य दखलंदाजी के जंगल में रहते हैं, वन्यजीव यानी वाइल्डलाइफ (wildlife) कहलाते हैं। वाइल्ड लाइफ का मानव जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव है। और दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। वाइल्ड लाइफ फूड चेन को बनाए रखने में मदद करता है। और इकोलॉजी का बैलेंस बनाकर रखता है मानव जीवन पर गहरा प्रभाव और पर्यावरण में योगदान को दर्शाने के लिए 3 मार्च को वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे मनाया जाता है। 2022 का वर्ल्डलाइफ थीम है। Recovering Key Species for Ecosystem Restoration ‘

इस थीम का उद्देश्य वन्य जीवों और वनस्पतियों की सबसे गंभीर रूप से लुप्त प्रजातियों में से कुछ के संरक्षण की स्थिति पर ध्यान आकर्षित करने और उनके संरक्षण के लिए समाधान ओं की कल्पना कर उन्हें लागू करने की दिशा में चर्चा करना। दिवस का महत्व: यह वन्यजीव अपराध से लड़ने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करता है, जिसका पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव व्यापक है।

20 दिसंबर 2013 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly – UNGA) ने अपने 68वें सत्र में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में नामित किया था। इस दिन 1973 में, वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES) को अपनाया गया था। तब से CITES  यह सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से प्रजातियों के अस्तित्व को खतरा न हो।

एशियाई हाथी (Asian Elephant) एक संकटग्रस्त प्रजाति है और दुनिया के 40,000 एशियाई हाथियों में से अब केवल 20,000 ही बचे हैं। पिछले 75 वर्षों में, उनकी आबादी में लगभग 50% की गिरावट आई है। अगली बार जब आप किसी शादी में हाथी का इस्तेमाल करते हुए देखें, तो ध्यान दें और उसे रोकने का प्रयास करें।

एशियाई हाथी (Asian Elephant) एक संकटग्रस्त प्रजाति है और दुनिया के 40,000 एशियाई हाथियों में से अब केवल 20,000 ही बचे हैं। पिछले 75 वर्षों में, उनकी आबादी में लगभग 50% की गिरावट आई है। अगली बार जब आप किसी शादी में हाथी का इस्तेमाल करते हुए देखें, तो ध्यान दें और उसे रोकने का प्रयास करें।इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के अनुसार सुंदर और आकर्षक स्नो तेंदुओं को ‘कमजोर’ (vulnerable) श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जंगल में लगभग 4,080 या 6,590 स्नो तेंदुए (Snow Leopard) ही बचे हैं।

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