Uber India का अमानवीय फैसला! 25% कर्मचारियों की छंटनी

उबर इंडिया के दक्षिण एशिया अध्यक्ष पी परमेस्‍वरन ने कहा, "COVID-19 के असर और रिकवरी के अनिश्‍च‍िततापूर्व प्रकृति के चलते उबर इंडिया के पास अपने कार्यबल के आकार को कम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है

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नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन का कारोबार पर वैश्विक स्‍तर पर अर्थव्‍यवस्‍था पर बुरा असर पड़ा है. कैब सर्विस उपलब्‍ध कराने वाली मशहूर कंपनी उबर इंडिया ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते वह अपने लगभग 600 पूर्णकालिक कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. यह देश में कंपनी के कार्यबल का लगभग 25 फीसदी है. छंटनी से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों में ड्राइवर, राइडर सपोर्ट जैसे कर्मचारी शामिल हैं। उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष प्रदीप परमेस्वरन ने एक बयान में यह जानकारी दी। 

उबर इंडिया का यह कदम ऐसे समय आया है जब देश कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए कुछ शर्तों के साथ 31 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था की गति को ‘थाम’ दिया है और इसके कारण कई व्‍यावसायिक समूहों को अपना कार्यबल कम करने पर मजबूर होना पडा है।

परमेस्‍वरन ने कहा कि जिन कर्मचारियों की छंटनी की गई है उन्हें न्‍यूनतम 10 हफ्ते की सैलरी दी जाएगी। साथ ही उनको अगले छह महीने तक मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाएगा। इसके अलावा कंपनी निकाले गए कर्मचारियों को दूसरी जगह जॉब देने में भी सहयोग करेगी।

परमेस्‍वरन ने कहा, “COVID-19 के असर और रिकवरी के अनिश्‍च‍िततापूर्व प्रकृति के चलते उबर इंडिया के पास अपने कार्यबल के आकार को कम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। आज उबर परिवार और हम सभी को छोड़ने वाले सहयोगियों के लिए एक अविश्वसनीय रूप से दुखद दिन है.” कंपनी ने कहा कि यह छंटनी पूर्व में घोषित वैश्विक जॉब कट का हिस्सा है. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, अमेरिका स्थित उबेर टेक्नोलॉजीज (जो उबेर इंडिया की मूल कंपनी है) ने कोरोना वायरस महामारी के चलते अपने कार्यबल में 23 प्रतिशत कटौती की घोषणा की थी। 

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