बार्डर पर चीन की बदमाशियों का जवाब देने के लिए क्या कर रहा भारत

भारत ने गुरुवार को कहा कि चीनी सेना भारतीय सैनिकों के सामान्य पट्रोलिंग में बाधा डाल रही है और जोर देकर कहा कि भारत ने सीमा प्रबंधन के मामले में हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है।

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नई दिल्ली।  लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन पैंगोंग त्सो झील और गलवान घाटी में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर लगातार सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। इससे चीन ने साफ संदेश दे दिया है कि वह भारतीय सेना के साथ टकवार को जल्द खत्म नहीं करने जा रहा है। विवादित इलाके में इस मामले के जानकार लोगों ने यह जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि चीन ने गलवान घाटी में अपनी मौजूदगी मजबूत कर रहा है। भारतीय सैनिकों के कड़े विरोध के बावजूद दो सप्ताह में उसने करीब 100 टेंट लगा दिए हैं। संभावित रूप से बंकर्स बनाने के लिए मशीने ला रहा है। बढ़ते तनाव के बीच आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे शुक्रवार को लेह में 14 कॉर्प्स के हेडक्वॉर्टर पहुंचे और टॉप कमांडर्स के साथ एलएसी के विवादित इलाके सहित क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सैन्य सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना भी पैंगोंग त्सो झील और गलवान घाटी में चीन के निर्माण की बराबरी कर रही है और यह क्षेत्र में कई संवेदनशील इलाकों में अधिक लाभप्रद स्थिति में है।

भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है। 5 मई को पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के 250 सैनिकों के बीच हिंसक झड़प। इसमें 100 से अधिक भारतीय और चीनी सैनिक घायल हुए। इसके बाद 9 मई को उत्तरी सिक्किम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई। पिछले एक सप्ताह में पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों द्वारा कई बार सीमा उल्लंघन की घटनाओं की रिपोर्टें आईं। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि या प्रतिक्रिया नहीं आई है। पिछले एक सप्ताह में दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडर्स में कम से कम 5 बैठकें हुई हैं, जिसमें भारतीय पक्ष ने चीनी सेना द्वारा टेंट गाड़ने पर कड़ी आपत्ति जताई गई। भारत इस इलाके पर अपना हक जाता है।

भारत ने गुरुवार को कहा कि चीनी सेना भारतीय सैनिकों के सामान्य पट्रोलिंग में बाधा डाल रही है और जोर देकर कहा कि भारत ने सीमा प्रबंधन के मामले में हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। भारत और चीन के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिनों तक टकराव चला था और दो परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी। भारत और पाकिस्तान के बीच 3,488 किलोमीटर सीमा को लेकर विवाद है। अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताकर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है जबकि यह भारत का अभिन्न हिस्सा है।

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