स्कूटर “हमारा बजाज” वाले राहुल बजाज नहीं रहे

राहुल बजाज का बजाज ग्रुप देश का एक पुराना और प्रतिष्ठित उद्योग समूह माना जाता है। इसकी स्थापना राहुल  के दादा जमनालाल बजाज ने की थी। जमनालाल  बड़े उद्योगपति के अलावा महात्मा गाँधी के अत्यंत निकटस्थ थे. वह एक सक्रिय स्वाधीनता सेनानी भी थे।

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लखनऊ / दिल्ली । बजाज ग्रुप आफ इंडस्ट्रीज एवं देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति और पूर्व सांसद राहुल बजाज का 83 वर्ष की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। उनके स्वामित्व वाले ‘बजाज आटो’ ने अपने बजाज स्कूटरों से भारतीय मध्यवर्ग को उसकी अपनी निजी सवारी दी थी। दशकों तक स्कूटर का मतलब बजाज रहा। राहुल बजाज के निधन पर उनके बारे में विशेष जानकारी के लिए हमारे रिपोर्टर्स प्रिंस और विकास ने लेखक एवं पत्रकार उर्मिलेश से फोन पर बात की है।

उर्मिलेश कहते हैं कि संभवतः वह देश के एक मात्र ऐसे बडे उद्योगपति थे, जो बीते पौने आठ साल के दौरान मौजूदा सत्ता के आगे कभी झुके नहीं! यही नहीं, उन्होंने और उनके सुपुत्र राजीव बजाज ने देश के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की खुलकर आलोचना का साहस भी दिखाया. राजीव बजाज ने तो कई मौकों पर कोविड से निपटने की मोदी सरकार की रणनीति की धज्जियां उड़ाई।

आपको बता दें कि राहुल बजाज का बजाज ग्रुप देश का एक पुराना और प्रतिष्ठित उद्योग समूह माना जाता है। इसकी स्थापना राहुल  के दादा जमनालाल बजाज ने की थी। जमनालाल  बड़े उद्योगपति के अलावा महात्मा गाँधी के अत्यंत निकटस्थ थे. वह एक सक्रिय स्वाधीनता सेनानी भी थे।

उर्मिलेश जी कहते हैं कि उद्योगपतियों और धनपतियों से मेरा ज्यादा मिलना-जुलना नही होता. पर राहुल जी उन चंद अपवादों में थे, जिनसे मेरा सामान्य सा औपचारिक परिचय था। संसद के केंद्रीय कक्ष में उनसे मेरा परिचय उस समय हुआ, जब वह राज्यसभा के सदस्य थे। वह चाय-काफ़ी के लिए केंद्रीय कक्ष में अक्सर आया करते थे।मैने देखा, उनमें किसी तरह का श्रेष्ठता-बोध या बड़ा उद्योगपति होने का घमंड नही था। अन्य सांसदों के अलावा वह संसद ‘कवर’ करने वाले पत्रकारों से भी खूब घुल-मिल कर बातें करते थे।

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