लखनऊ / दिल्ली । प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की कांग्रेस से लेकर श्रीमती इंदिरा गांधी के चुनाव हार जाने वाली कांग्रेस से होते हुए राजीव गांधी के सहानुभूति लहर पर सवार होकर 400 का आंकड़ा पार करने वाली कांग्रेस से लड़खड़ाती और लंगड़ाती सोनिया गांधी की कांग्रेस के साक्षी रहे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मुहम्मद असलम अंसारी का वो खत हम आपके लिए लेकर आए हैं जो कांग्रेस के अध्यक्ष श्री राहुल गांधी का मार्गदर्शन तो करेंगे ही, आप को कांग्रेस के कल्चर को समझने में मदद भी करेंगे।
इस वक़्त देश के हालात बहुत ही ज्वलनशील है , देश में सच्चाई को दबाया जा रहा है और झूठ को फैलाया जा रहा है | गरीब – कमजोर और अल्पसंख्यकों के साथ गैरों जैसा बर्ताव किया जा रहा है | समाज में गरीब तबकों के साथ मारधाड़ और कत्ल तक किया जा रहा है मुसलमानों से पाकिस्तान जाने की गुहार की जा रही है | ईमानदारी के साथ काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनकी जगह से हटाकर दूसरी जगहों पर भेजा जा रहा है देश में निराज़ का आलम है ।
इसका जीता जागता सबूत 12 अप्रैल 2019 को हिंदुस्तान के सभी अखबारों में यू एन ओ की हुकूक इंसानी कमेटी की अध्यक्ष “मशील बिसलिट” कि वो रिपोर्ट है जिसमें उन्होंने 2014 से 2018 के दरमियान हिंदुस्तान में होने वाले ह्जुमी तशद्दुद ( मॉब लिंचिंग ) की रिपोर्ट शामिल की है | जिसका शिकार दलित और मुसलमानों को बनाया गया है | ऐसे हालत में देश की सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी की अब ये ज़िम्मेदारी होती है के वो देश को बचने के लिये सामने आए और देश के सैकुलर ताने बाने की हिफाज़त करे |
राहुल गाँधी ने कुछ समय पूर्व अमरीका भ्रमण के दौरान अमरीका के कई विश्वविद्यालय में तक़रीर की | तक़रीर का केंद्र बिंदु हिन्दुस्तान की वर्तमान सरकार की कार्यशैली रही , खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निशाने पर रहे | देश की बढती हुई असहनशीलता पर चिंता व्यक्त की | इस के साथ उन्होंने अपनी कांग्रेस पार्टी की भी आलोचना की | राहुल गाँधी ने कहा की कांग्रेस पार्टी वर्ष 2004 से 2009 तक सत्तारूढ़ थी , वर्ष 2014 के बाद कांग्रेस नेतृत्व घमंड में आ गया | जिस प्रकार से छोटे नेताओं से लेकर बड़े नेताओं को काम करना चाहये था वह उन्होंने नही किया जिस का परिणाम 2014 के चुनाव में भुगतना पड़ा |
श्रीमान राहुल गाँधी जी , कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व में घमंड 2004 में ही शुरू हो गया था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने अपने पहले भाषण में कहा था की मै बुहत जल्द ही गुजरात में राष्ट्रपति शासन लगा दूंगा ताकि गुजरात के 2002 के फसाद की जाँच नए सिरे से करवा सकू , लेकिन कांग्रेस पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने उन्हें ऐसा करने से रोका जिसका परिणाम ये हुआ की 2014 के चुनाव में पार्टी इस बुरी तरह से हारी की संसद में विपक्ष की कुर्सी भी गंवा बैठी ।
राहुल गाँधी जी आज मुल्क पर जो पार्टी राज कर रही है वो आरएसएस की देन है , पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ हो , हिन्दू महासभा हो, बजरंगदल हो और चाहे विश्व हिंदू परिषद हो , इस सबकी माँ आरएसएस है और कोई नही। जब 30 जनवरी 1958 को गोडसे ने गाँधी जी को गोली मारकर उनकी ज़िंदगी का खात्मा कर दिया तब तत्कालीन उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल ने आरएसएस पर पाबंदी लगा दी थी , क्योकि गोडसे आरएसएस और हिन्दू महासभा का कार्यकता था | लेकिन एक साल के अंदर ही सरदार पटेल ने आरएसएस के नेतृत्व करने के आश्वासन के बाद ये पाबंदी उठा ली | आज वो ही आरएसएस कांग्रेस को मुल्क दुश्मन बता रही है |
जारी ……
शानदार रिसर्च