धूर्त है बहुरुपिया है ये कोरोना तो बड़ा ही छलिया है

इस नए वैरीअंट "डबल म्युटेंट" की जानकारी कुछ महीने पहले नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल द्वारा दी गई थी। इस नए वैरीअंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है। जिसमें दो तरह के म्यूटेशन पाए जाते हैं। पहला - E484Q और दूसरा -L452R म्यूटेशन। 

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लखनऊ / दिल्ली । देश भर में कोरोना का खतरा आए दिन बढ़ता ही जा रहा है। रोजाना लाखों की संख्या में मरीजों की वृद्धि हो रही है। जिंदा तो जिंदा, मुर्दे भी अब लाइन में देखने को मिल रहे हैं। कोरोना वैक्सीन से लोगों को थोड़ी सी राहत जरूर मिली पर अब कोरोना के डबल म्युटेंट वैरीअंट का खतरा मंडरा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी तबाही मचा ही रहा था, इस पर यह नए वायरस की दस्तक चिंता का विषय बन गया है।

यह म्यूटेंट पहले के मुकाबले काफी संक्रामक बताई जा रही है। इस म्यूटेंट के बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना बहुत ही मुश्किल है। इस बात की अभी सही जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। नए म्यूटेंट के बारे में एक्सपर्ट का यह कहना है कि यह वायरस पहले के मुकाबले काफी संक्रामक है।

न्यूज़ चैनल एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में डॉक्टर मधुकर पई ने कहा , “यह अन्य के मुकाबले तेजी से फैलने वाला वैरीअंट है। यह लोगों को जल्दी बीमार बना रहा है।”अगर हम अभी इस वक्त की बात करें तो देशवासियों के मन में कोरोना के डबल म्युटेंट और ब्राजील, ब्रिटेन समेत कई अन्य देशों से आए वैरीअंट चिंता का विषय बने हुए हैं। 

इस नए वैरीअंट “डबल म्युटेंट” की जानकारी कुछ महीने पहले नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल द्वारा दी गई थी। इस नए वैरीअंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है। जिसमें दो तरह के म्यूटेशन पाए जाते हैं। पहला – E484Q और दूसरा -L452R म्यूटेशन। 

यह वायरस का वह रूप है जिसमें दो बार बदलाव हो चुका है। यह वायरस खुद के प्रभाव को लंबे समय तक बनाने के लिए अपनी जेनेटिक संरचना में लगातार बदलाव करते रहते हैं, जिससे कि उन्हें आसानी से खत्म ना किया जा सके। 

दो तरह के म्यूटेशन पाए जाने के कारण ही यह अत्यधिक खतरनाक बताया जा रहा है। अब ट्रिपल न्यूटन की भी बात सामने आ रही है। देश में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि वो इसके लिए सतर्क हैं।

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