Dengu in UP?

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प्रदेश में डेंगू का संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में, आमजन को किसी भी प्रकार का पैनिक होने की आवश्यकता नहीं

प्रदेश में इस वर्ष अब तक 4801 डेंगू के मरीज सूचित हुए हैं, जबकि गत वर्ष इस अवधि
तक 17729 केस संसूचित हुए थे

प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू के उपचार हेतु पर्याप्त दवाइयां, बेड्स एवं आवश्यक अन्य संसाधन उपलब्ध

प्रदेश के सभी चिकित्सालयों एवं मेडिकल कालेजेज में डेंगू के मरीजो हेतु
अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था

-उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक

लखनऊ: 22 अक्टूबर, 2022

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश में डेंगू का संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसको लेकर आमजन को किसी भी प्रकार का पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी लोग डेंगू के बचाव हेतु जारी आवश्यक सावधानियां जैसे-पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना, मच्छरदानी का प्रयोग करना, अपने आसपास सफाई एवं जल जमाव न होने देना एवं मच्छर काटने से बचाव करना अािद का पालन करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष अब तक 4801 डेंगू के मरीज सूचित हुए हैं, जबकि गत वर्ष इस अवधि तक 17729 केस संसूचित हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू के उपचार हेतु पर्याप्त दवाइयां, बेड्स एवं आवश्यक अन्य संसाधन उपलब्ध हैं।
उपमुख्यमंत्री आज विधान सभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में डेंगू एवं अन्य संचारी रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालयों में 5 से 10 बेड्स, जनपद स्तरीय चिकित्सालयों में न्यूनतम 10 से 30 बेड्स डेंगू रोगियों हेतु आरक्षित किये गये हैं। इसके साथ ही बड़े जनपदों तथा मेडिकल कालेजेज में भी अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था की गई है। डेंगू मरीजों के उपचार हेतु सभी चिकित्सालयों में आवश्यक दवाइयां, एलिजा विधि द्वारा डेंगू जांच हेतु पर्याप्त व्यवस्था के साथ-साथ जनपदों में रक्त तथा रक्त उत्पादों की पर्याप्त व्यवस्था है।


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सर्वोत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था बनाने के लिए जिन आवश्यक संसाधनों की आवश्यकता है उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है। चिकित्सालयों को अत्याधुनिक मशीनों और उपकरणों से लैस किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मुख्य चिकित्साधिकारी अपने जनपदों में चिकित्सालयों का नियमित निरीक्षण करें। मुख्य चिकित्साधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि निजी पैथालॉजी लैब्स जांच के नाम पर मुनाफाखोरी न करने पायें। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, उन्हें उत्कृष्ट कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जाएं। चिकित्सालयों में पर्चा काउन्टर पर किसी भी दशा में भीड़ न लगे।
बैठक में राज्य मंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रवीन्द्र कुमार, महानिदेशक एनएचएम श्रीमती अपर्णा यू एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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