रुस के खिलाफ अमेरिका का चक्रव्यूह!

इस बीच रूस ने पश्चिम देशों पर यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका की मे ना सुनू को सत्ता में लेकर आया है। अमेरिका के राजदूत जेंडर थॉमस ग्रीन फील्ड ने पलटवार करते हुए कहा कि रसिया यूक्रेन सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात कर रहा है जो दशकों से यूरोप में सबसे बड़ा सैन्य जमावड़ा है।

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लखनऊ / वॉशिंग्टन / दिल्ली। यूक्रेन पर रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने से अमेरिकी राष्ट्रपति जोसफ वार्डन ने इस सप्ताह यूरोप में अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का निर्णय किया है। अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने के लिए अपने 3000 सैनिकों को पूर्वी यूरोप में तैनाती करने का फैसला किया है। राष्ट्रपति जो बिडेन ने सैनिकों की तैनाती की घोषणा के बाद जब तक पुतिन आक्रामक रुख बनाए रखेंगे तब तक हम सुनिश्चित करेंगे कि पूर्वी यूरोप में हम अपने नाटो सहयोगियों को आश्वस्त करते रहेंगे।

इस बीच रूस ने पश्चिम देशों पर यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका की मे ना सुनू को सत्ता में लेकर आया है। अमेरिका के राजदूत जेंडर थॉमस ग्रीन फील्ड ने पलटवार करते हुए कहा कि रसिया यूक्रेन सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात कर रहा है जो दशकों से यूरोप में सबसे बड़ा सैन्य जमावड़ा है।

बता दें कि अमेरिका के करीब 1700 सैनिक को पोलैंड भेजा जाएगा जिसकी सीमा यूक्रेन से लगती है वही 300 सैनिक को जर्मनी जबकि 1000 सैनिकों को रोमानिया भेजा जाएगा। वहीं ब्रिटेन और कनाडा ने भी अपने और सैनिक को यूक्रेन भेजे जाने की मंजूरी दी है।

वही रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि अमेरिका रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध करने के लिए उत्साह रहा है। बता दे कि रसिया ने पहले से ही क्रीमिया का एन एक्सप्रेशन कर रखा है और अब पूरे यूक्रेन रशियन ऑक्यूपेशन के अंतर्गत आता हुआ दिख सकता है। जिससे यूक्रेन की स्वतंत्र छिन जाएगी।

यदि दुनिया की दो सुपर पावर्स जंग के मैदान में उतरे तो महाप्रलय को रोकना असंभव होगा। जिसका बहुत ही बुरा परिणाम हो सकता है और इसका असर पूरे विश्व पर पड़ सकता है।

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