पाकिस्तानी सुंदरियों के चक्कर में देश की जासूसी करने वाला हारुन पकड़ा गया

भारतीय जांच एजेंसी NIA ने विशाखापत्तनम जासूसी और हनी ट्रैप मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है उसने जासूसी कांड के मास्टरमाइंड मुहम्मद हारुन को गिरफ्तार किया है

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विशाखापत्तनम जासूसी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को लीक करने के आरोप में प्रमुख साजिशकर्ता मोहम्मद हारून हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को गिरफ्तार किया है. मुंबई की अदालत ने एनआईए को उसकी ट्रांजिट रिमांड दे दी है. लकड़ावाला को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक विशेष एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुंबई का रहने वाले लकड़ावाला को आपराधिक साजिश रचने और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम और आधिकारिक राज अधिनियम के तहत शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया. अधिकारी ने कहा कि लकड़ावाला ‘सीमापार व्यापार के बहाने’ कई बार कराची गया था. उन्होंने कहा कि इन यात्राओं के दौरान, वह दो पाकिस्तानी जासूसों अकबर उर्फ अली और रिजवान के संपर्क में आया था, जिन्होंने उसे नियमित अंतराल पर नौसेना कर्मियों के बैंक खातों में पैसा जमा करने को कहा।

विशाखापत्तनम जासूसी का मामला एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट से संबंधित है, जिसमें पाकिस्तान और भारत के विभिन्न स्थानों से जुड़े लोग शामिल हैं. पिछले साल 30 दिसंबर को, एनआईए ने जासूसी के इस मामले को अपने हाथ में लिया था. इसके 10 दिनों बाद एजेंसी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में भारतीय नौसेना के 7 कर्मियों और एक कथित हवाला ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया। 

पाकिस्तानी सुंदरियों के जरिए किया हनी ट्रैप

पुलिस ने कहा कि कि गिरफ्तार सभी अधिकारी पाकिस्तानी महिलाओं के संपर्क में थे, जिन्होंने फेसबुक पर उनसे दोस्ती की थी. आरोप है कि अधिकारियों को सूचना उपलब्ध कराने के एवज में हवाला ऑपरेटर के माध्यम से भुगतान किया गया था. पाकिस्तानियों और इन नाविकों के बीच की चैट साफ तौर पर सेक्सुअल थीं। एनआईए अधिकारियों के अनुसार, जिन महिलाओं ने फेसबुक पर अपने दोस्तों के रूप में नौसेना के कर्मियों को अपनी जाल में फंसाया है, उन्हें पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों ने इस काम में लगाया था. बाद में नाविकों को ब्लैकमेल कर उन्हें संवेदनशील जानकारी देने के लिए मजबूर किया गया। 

अधिकारी ने कहा कि एक जांच में पता चला है कि नौसेना के कुछ कर्मी फेसबुक, व्हाट्सएप आदि जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में आए और पैसों के बदले सीक्रेट जानकारी शेयर करने में शामिल थे. उन्होंने कहा, “पैसा इन नौसेना कर्मियों के बैंक खातों में भारतीय सहयोगियों के माध्यम से जमा किया गया था, जिनके पाकिस्तान में व्यापार हैं.” एनआईए ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें 11 नौसेना कर्मी और एक पाकिस्तान में जन्मा भारतीय नागरिक शाइस्ता कैसर शामिल हैं। 

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