देश में उल्लास, धूमधाम से मनाई जा रही महाशिवरात्रि

मान्यता है कि महाशिवरात्रि की रात महासिद्धिदायिनी है इसलिए इस महारात्रि में की गई पूजा-अर्चना विशेष पुण्य प्रदान करती है। अगर कोई शिवभक्त चार बार पूजन और अभिषेक न कर सके और पहले प्रहर में एक बार ही पूजन कर लें,तो भी उसको कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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लखनऊ / वाराणसी / दिल्ली।  देश में महाशिवरात्रि की धूम मची हुई है। शिव के भक्त पूरे उत्साह के साथ महाशिवरात्रि का पर्व मना रहे हैं सोमवार रात से ही मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।मंगलवार को शिव भक्त बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे सीएम योगी ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व की सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल आज (मंगलवार) यानी 1 मार्च 2022 को महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। वर्ष भर में 12 शिवरात्रियां आती हैं, लेकिन फाल्गुन माह की शिवरात्रि को सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण माना जाता है, इसी कारण से इसे महाशिवरात्रि भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि के खास मौके पर आप अपने रिशतेदारों और दोस्तों को भोले शंकर की भक्ति से भरे शुभकामना संदेश भेज सकते हैं।

इस साल शिव-शक्ति के मिलन का महापर्व महाशिवरात्रि शिव योग में मनाई जा रही है,साथ में चतुर्ग्रही योग भी बनेगा। यह पर्व फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी 01 मार्च,मंगलवार को है । चतुर्दशी मुहूर्त एक मार्च सुबह 03:16 से शुरू होकर देर रात्रि 1 बजे समाप्त होगा। शास्त्रों की मान्यता है कि इस महापर्व पर शिव और पार्वती का विवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्यागकर गृहस्थ जीवन अपनाया था।

वहीं कुछ पौराणिक ग्रंथों में ये भी माना गया है कि इस दिन भगवान शिव दिव्य ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का निवारण होता है।

महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा का विधान है। मान्यता है कि चार प्रहर की पूजा करने से व्यक्ति जीवन के सभी पापों से मुक्त हो जाता है। धर्म,अर्थ काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। चार पहर की पूजा संध्याकाल यानि प्रदोष वेला से शुरू होकर अगले दिन ब्रह्ममुहूर्त तक की जाती है। पहले प्रहर में दूध से शिव के ईशान स्वरूप को,दूसरे प्रहर में दही से अघोर स्वरुप को,तीसरे प्रहर में घी से वामदेव रूप को और चौथे प्रहर में शहद से सद्योजात स्वरुप को अभिषेक कर पूजन करें।

महाशिवरात्रि की रात महासिद्धिदायिनी है इसलिए इस महारात्रि में की गई पूजा-अर्चना विशेष पुण्य प्रदान करती है। अगर कोई शिवभक्त चार बार पूजन और अभिषेक न कर सके और पहले प्रहर में एक बार ही पूजन कर लें,तो भी उसको कष्टों से मुक्ति मिलती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व की सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है ‘देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि यह महापर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्यता का संचार करे। बाबा भोलेनाथ की कृपा समस्त प्रदेशवासियों पर बनी रहे। हर हर महादेव’

मंगलवार को देश भर में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है.आज फाल्गुन मा​ह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. महाशिवरात्रि के दिन परिघ योग और शिव योग बन रहे हैं। इस दिन पंचग्रही योग भी बन रहा है. मंदिर और शिवालयों में ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव व बोलबम के जयघोष हो रहे हैं. शिवालय गूंज उठे हैं. महाशिवरात्रि को लेकर भक्तों में काफी उल्लास है. मंगलवार की भोर तीन बजे से जलाभिषेक का दौर शुरू हो गया है और देर रात तक यह सिलसिला चलता रहेगा।

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