5G Technology : जूही चावला ट्रोल्स पर बिफर पड़ीं! कहा, मैं आपको ये तय करने का अधिकार नहीं दे सकती कि मेरा कदम पब्लिसिटी स्टंट था!

बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने 5जी टेक्नोलोजी पर जबसे केस किया है वह तब से लगातार आलोचनाए झेल रही हैं। उन्होने इसी साल देश में 5जी नेटवर्क लागू करने के खिलाफ याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट से पहले के आदेश में संशोधन की मांग की थी। लेकिन अब अभिनेत्री ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है

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लखनऊ / दिल्ली । बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने इसी साल देश में 5जी नेटवर्क लागू करने के खिलाफ याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट से पहले के आदेश में संशोधन की मांग की थी। लेकिन अब अभिनेत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है।

बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने 5जी टेक्नोलोजी पर जबसे केस किया है वह तब से लगातार आलोचनाए झेल रही हैं। उन्होने इसी साल देश में 5जी नेटवर्क लागू करने के खिलाफ याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट से पहले के आदेश में संशोधन की मांग की थी। लेकिन अब अभिनेत्री ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। उन्हें लगातार सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। जिसका अब जूही चावला ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर जवाब दिया है।

मालूम हो कि कोर्ट ने पिछले महीने उसका मुकदमा खारिज कर दिया था और 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। गुरुवार को न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने चावला के वकील दीपक खोसला के अभिवेदन के बाद याचिका वापस लेने की अनुमति है।

बता दें, उच्च न्यायालय ने 4 जून को 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने वाली चावला व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए जुर्माना लगाया था। दरअसल, एक्ट्रेस ने कोर्ट की सुनवाई का लिंक अपने सोशल मीडिया के जरिए साझा कर दिया था। इस पर कोर्ट का कहना था कि इससे प्रतीत होता है कि इस मुकदमें को सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दायर किया गया था।

जूही चावला ने वीडियो साझा करते हुए कई सारी बाते सामने रखी। सोशल मीडिया पर साझा किया गया उनका ये वीडियो 14 मिनट 30 सेकड़ का है। इस वीडियो में जूही चावला 5जी टेक्नोलोजी से स्वास्थ्य पर होने वाले असर और नुकसान के बारे में बातचीत कर रही हैं। इसके अलावा उन्होने ट्रोल करने वाले लोगों की बातों का जवाब देते हुए कहा, ‘मैं ये आपको तय नहीं करने दूंगी कि ये एक पब्लिसिटी स्टंट था कि नहीं’।

तो वहीं जूही चावला की ओर से दाखिल की गई याचिका में मांग रखी गई थी कि 5जी टेक्नोलॉजी को लागू किये जाने से पहले इससे जुड़े तमाम तरह के अध्ययनों पर बारीकी से गौर किया जाए और फिर उसके बाद ही इस टेक्नोलॉजी को भारत में लागू करने के बारे में विचार किया जाए।

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