कर्नाटक में स्कूल का हाल! हिजाब के बदले भगवा शॉल

छात्राओं ने आरोप लगाया, हम अभी तक क्लास के बाहर बैठ रहे हैं। हमें क्लास रूम में जाने की इजाजत नहीं है एक दिन जब हम क्लास में गए तो टीचर ने हमें डांटा और कहा कि अगर तुम क्लास के बाहर नहीं गई तो धक्का मारकर तुम्हें क्लास से निकाल दिया जाएगा।

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लखनऊ / बंगलुरु। कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है जिले के कुंडापुर में एक सरकारी कॉलेज में तीसरे दिन एक बार फिर हिजाब पहने मुस्लिम छात्राओं को प्रवेश करने से रोका वही 2 दिन पहले भी छात्राओं को हिजाब में कॉलेज जाने से रोका गया था । छात्राओं के अभिभावकों ने कॉलेज गेट के बाहर प्रदर्शन किया वहीं कुछ छात्राओं ने हिजाबी छात्राओं के कॉलेज में प्रवेश का विरोध भगवा शॉल ओढ़ कर उनको घेरा।

आपको बता दें कि राज्य सरकार के इस फैसले के बावजूद की हिजाब को ड्रेस कोड में मान्यता नहीं है फिर भी मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर अपने माता-पिता के साथ पहुंची और छात्राओं को कॉलेज परिसर के अंदर जबरन ढकेला गया। कॉलेज की छात्राओ ने  हिजाब पर प्रतिबंध के  खिलाफ विरोध किया और पिछले 2 हफ्ते से छात्राओं ने कॉलेज के गेट पर धरना देकर विरोध शुरू किया और हिजाब पहनकर कॉलेज जाने की मांग किया।

छात्राओं ने आरोप लगाया, हम अभी तक क्लास के बाहर बैठ रहे हैं। हमें क्लास रूम में जाने की इजाजत नहीं है एक दिन जब हम क्लास में गए तो टीचर ने हमें डांटा और कहा कि अगर तुम क्लास के बाहर नहीं गई तो धक्का मारकर तुम्हें क्लास से निकाल दिया जाएगा। यह मेरे लेक्चरर के शब्द थे क्योंकि हमने इसका (हिजाब) पहन रखा था।

छात्राओं का कहना है उन्हें 16 दिनों से क्लास में दाखिल नहीं होने दिया जा रहा है छात्राओं ने कहा उन्हें हिजाब पहनने से रोकना उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन करना है। और छात्राओं ने कहा वह कॉलेज के यूनिफॉर्म के हिसाब से ही हिजाब पहन रही हैं। वहीं छात्राओं के विरोध में शिक्षा मंत्री BC नागेश का यह बयान है कि हिजाब पहनना अनुशासनहीनता है उन्होंने यह कहा कि स्कूल और कॉलेज धर्म का पालन करने की जगह नहीं है।

शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने यह आरोप लगाया कि P.F.I से जुड़े केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन इस विवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया की कॉलेज मे 1985 से ही यूनिफार्म के नियम लागू है तो अब विवाद क्यों हो रहा है।

केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के एक कमेटी के सदस्य ने छात्राओं का समर्थन करते हुए कहा कि कॉलेज में धार्मिक भेदभाव हो रहा है। C.F.R ने कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की है। इस विवाद पर राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है कि फिजा को छात्राओं की शिक्षा में बाधक बनाकर हम भारत की बेटियों का भविष्य लूट रहे हैं मां सरस्वती सभी को ज्ञान देती हैं वह भेद नहीं करती।

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