पंजाब को फिर आतंकवाद में झोंकने की साजिश, जर्मनी से बन रही प्लानिंग

मोबाइल से बरामद उस लिंक की भी जांच की जा रही है, जिसके माध्यम से सरूप सिंह ने वर्चुअली हैंड ग्रेनेड संभालने और चलाने की ट्रेनिंग ली थी। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि महानगरों में धमाके करने के लिए और किन्हें जोड़ा जा रहा था।

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लखनऊ / दिल्ली । जर्मनी में बैठे आतंकी पंजाब को दहलाने की साजिश रच रहे हैं। अमृतसर और लुधियाना में 10 स्थानों की रेकी भी हो चुकी है लेकिन मुस्तैद पंजाब पुलिस ने इन आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। साजिश को अंजाम देने से पहले ही पंजाब पुलिस ने आतंकी सरूप सिंह को धर दबोचा। पूछताछ में आतंकी सरूप सिंह ने अपने आकाओं का पूरा मास्टर प्लान बता दिया। हालांकि अभी इस मामले में कई और खुलासे होने बाकी हैं।

जन्माष्टमी की रात पंजाब पुलिस ने दो हैंड ग्रेनेड के साथ आतंकी सरूप सिंह जौहल को गिरफ्तार किया था। सरूप सिंह ने अमृतसर और लुधियाना में 10 जगहों की रेकी की थी। इन महानगरों में धमाके करने के लिए जर्मनी में बैठे आतंकी संगठनों ने योजना बनाई थी, जिसमें अन्य लोगों को भी शामिल करना था। जर्मनी में बैठे आतंकियों ने इस मिशन का नाम भी फाइनल कर लिया था और बाकी आतंकियों को वर्चुअल ट्रेनिंग देने की योजना बनाई जा रही थी। मगर इसी बीच जौहल पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

यह खुलासा पुलिस रिमांड के दौरान आतंकी सरूप ने किया है। हालांकि पुलिस मामले की जानकारी नहीं दे रही है। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले का पर्दाफाश होना अभी बाकी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार विधानसभा क्षेत्र खडूर साहिब के गांव जौहल ढाए वाला निवासी ट्रक ड्राइवर सरूप सिंह जौहल ने पूछताछ में बताया है कि चार अगस्त से 13 अगस्त तक अमृतसर के चार स्थान और 16 अगस्त से 27 अगस्त तक लुधियाना के छह स्थानों पर वेश बदलकर उसने रेकी की थी।

बताया जा रहा है कि दोनों महानगरों में धार्मिक स्थानों के आसपास बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई जा रही थी। आतंकी सरूप सिंह जौहल के कब्जे से बरामद मोबाइल के दो सिम कार्ड के जरिये पुलिस को विदेश में बैठे आतंकी संगठनों के अन्य संपर्कों की जानकारी मिल सकती है। इसलिए मोबाइल फोन फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।

मोबाइल से बरामद उस लिंक की भी जांच की जा रही है, जिसके माध्यम से सरूप सिंह ने वर्चुअली हैंड ग्रेनेड संभालने और चलाने की ट्रेनिंग ली थी। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि महानगरों में धमाके करने के लिए और किन्हें जोड़ा जा रहा था। हालांकि मोबाइल फोन के लिंक को कितनी बार फारवर्ड किया जा चुका है, यह पता लगाना भी जरूरी है। इसके अलावा सरूप के अन्य आतंकियों, गैंगस्टरों व नशा तस्करों के साथ कहीं संबंध तो नहीं, यह भी खुफिया एजेंसियों पता लगाने में जुटी हैं।

पूछताछ में सरूप सिंह जौहल ने बताया कि वेस्टर्न यूनियन के माध्यम से वह जर्मनी से 60 हजार आई राशि ले चुका है। यह राशि दो किस्तों में उस तक पहुंची। पूछताछ में गुरुवार को आरोपी ने मास्टरमाइंड का नाम भी उगल दिया, जो जर्मनी में बैठकर पंजाब का माहौल बिगाड़ने की योजना तैयार कर रहा है। जर्मनी में बैठे इस आतंकी को पुलिस एफआईआर में नामजद करेगी। इसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एलओसी जारी किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार हैंड ग्रेनेड से पंजाब में बड़ी तबाही मचाने की साजिश का पर्दाफाश होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले को अपने हाथ में लेने की तैयारी कर ली है। आतंकी सरूप सिंह जौहल का पुलिस रिमांड छह सितंबर को खत्म होने वाला है। इसके बाद एनआईए अपने तौर पर अलग एफआईआर दर्ज कर आरोपी को दोबारा रिमांड पर लिया लेगी।

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