लखनऊ / भोपाल । मैंने अपने पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान पढ़ा था कि पत्रकारिता कोई पेशा नहीं बल्कि पेशे से ऊपर की कोई पवित्र चीज है। लेकिन आये दिन पत्रकारिता की आड़ में इस पवित्र साधना का दुरुपयोग देखने को मिलता है कुछ लोग अपने काले कारनामों की स्वार्थ सिद्धी के लिए पत्रकारिता को अपना कवच बना लेते हैं ये सब देख कर मन बहुत खिन्न हो जाता है।
मध्यप्रदेश की भोपाल पुलिस कमिश्नरेट ने फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है भोपाल पुलिस ने फर्जी पत्रकारों के खिलाफ पहली कार्रवाई करते हुए दो फर्जी पत्रकारों के खिलाफ अरेरा हिल्स थाने में मामला हुआ दर्ज किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल पुलिस ने पुष्पराज सिंह और राहुल नाम के दो फर्जी पत्रकारों को रोशनपुरा इलाके से पकड़ा है।
गौर तलब है कि दोनों फर्जी पत्रकार किसी का इंटरव्यू लेने के नाम पर पुलिस पर धौंस जमा रहे थे पुलिस ने जब उन से उनके संस्थान के बारे में पूछताछ की तो फर्जी पत्रकार न तो कोई अधिकृत पहचान पत्र दिखा सके और ना ही फोटो आईडी दिखा पाए। जिसके बाद अधिकारियों ने दोनों फर्जी पत्रकारों को पकड़ लिया।
आपको बता दें कि भोपाल में बिना किसी सरकारी लाइसेंस के हजारों पोर्टल न्यूज और यूट्यूब चैनल चल रहे हैं जिनका असली धंधा उगाही और ब्लेकमेलिंग है। भोपाल पुलिस ऐसे फर्जी पत्रकारों पर सख्ती से कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
आपको बताते चलें कि भोपाल जर्नलिस्ट प्रेस क्लब ने भोपाल पुलिस अफसरों को फर्जी पत्रकारों पर कार्रवाई को लेकर पत्र लिखा था। भोपाल के पुलिस एवं प्रशासन ने हमारे संवाददाता को बताया कि फर्जी पत्रकारों की छानबीन के लिए मध्य प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जानकारी ली जाएगी।
पुलिस ने बताया कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की सूची के आधार पर पत्रकारों के आईडी कार्ड चेक किये जायेंगे । ऐसा बताया जा रहा है कि पत्रकारों के अलावा अगर कोई दूसरा अपनी गाड़ियों पर प्रेस लिखवाता है तो भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
हमारे संवाददाता प्रिंस और विकास टम्टा ने भोपाल पुलिस कमिश्नरेट की फर्जी पत्रकारों की पकड़ धकड़ के बारे में लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकारों से उनका मंतव्य जानने की कोशिश की, सिटी कनेक्शन के समाचार संपादक संतोष तिवारी ने भोपाल पुलिस की कार्रवाई को उचित बताया जबकि उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार फरीद अब्बासी ने कहा कि भोपाल पुलिस कमिश्नरेट की तर्ज पर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट को भी फर्जी पत्रकारों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिये।