लखनऊ । उत्तर प्रदेश की गवर्नर और विश्वविद्यालयों की चांसलर श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने शुुुक्रवार कोो जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय तथा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक में कहा कि विश्वविद्यालय ऑडिट आपत्तियों का नियमानुसार समयबद्ध निस्तारण करें साथ ही वित्तीय नियमों का भी अक्षरशः पालन किया जाये । उन्होंने ये निर्देश दिए कि अनउपयोगी खातों को बंद करते हुए विश्वविद्यालय में वित्तीय जरूरतों के लिये न्यूनतम खाते रखे जायें साथ ही कैश बुक तथा बैलन्स सीट अनिवार्य रूप से तैयार की जाये।
मैडम चांसलर ने जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केन्द्रो पर चर्चा करते हुये निर्देश दिये कि महिला सशक्तीकरण के लिये शिक्षा, स्वास्थ्य स्वाभिमान, सुरक्षित मातृत्व, कुपोषण तथा आर्थिक स्वावलबंन के कार्यक्रम चलाये जायें, इसमें नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं तथा विशिष्ट महिलाओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों आदि को शामिल करते हुये विश्वविद्यालय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाये।
जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं सामाजिक कुरीतियों तथा रोजगार कार्यक्रमों की जानकारी दी जाये एक करने से नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान सरकारी योजनाओं का लाभ अपनी ग्राम सभा में दे सकेंगे। विश्वविद्यालय की छात्राओं को बाल-सदन, नारी निकेतन, वृद्धाश्रम, जच्चा-बच्चा अस्पताल आदि का भ्रमण करायें ताकि वे अपने जीवन में सही और गलत के उत्तर को जान सकें तथा बच्चों की ऐसी टीम तैयार करे जो ग्रामीण महिलाओं का अपने अनुभव बांटने के साथ व्याख्यान भी दे सकें।
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