अमरिंदर ने दिया इस्तीफ़ा तो सिद्धू के सलाहकार ने कहा जश्न मनाने का वक्त है साढ़े चार साल बाद मिलेगा कॉग्रेसी मुख्यमंत्री

कैप्टन से नाखुश 40 विधायकों की चिट्ठी के बाद कांग्रेस हाईकमान ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया था। उन्होंने शनिवार शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की घोषणा कर दी। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शुक्रवार आधी रात को यह जानकारी शेयर की थी।

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लखनऊ / चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार शाम 4 बजकर 40 मिनट पर राज्यपाल बीएल पुरोहित को पूरे मंत्रिमंडल का भी इस्तीफा सौंपा। कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी सांसद पत्नी परनीत कौर व बेटे रणइंदर सिंह के साथ करीब साढ़े चार बजे राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा राज्यपाल काे सौंपा। कैप्टन के भाजपा में जाने की अटकले हैं लेकिन उन्होंने कहा है कि वो कॉग्रेस में हैं उधर कांग्रेस हाईकमान का रुख देख कैप्टन के करीबियों ने भी उनसे दूरी बना ली है।

इससे पहले कई समर्थक विधायक उनसे मिलने उनके सरकारी आवास पर गए थे। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में करीब साढ़े पांच बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। कैप्टन अमरिंदर सिंह और एक अन्य विधायक मीटिंग में नहीं गए। कैप्टन के इस्तीफे के बाद अब यहां नए सीएम चेहरा चुनने पर मंथन हुआ। कांग्रेस विधायकों ने नए मुख्यमंत्री चुनने का फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया है। अगले CM की रेस में सुनील जाखड़, प्रताप बाजवा और सुखजिंदर रंधावा का नाम आगे है।

राजभवन से निकलकर मीडिया से बात करते हुए अमरिंदर ने कहा- मेरा फैसला आज सुबह हो गया था। मैंने कांग्रेस प्रेसिडेंट से बात की थी सुबह और कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं आज। बात ये है कि ये तीसरी बार हो रहा है पिछले कुछ महीनों में। तीसरी बार दिल्ली बुलाया। मेरे ऊपर कोई शक है कि सरकार चला नहीं सका। मैं शर्मिंदा महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि 2 महीने में 3 बार आपने असेंबली मेंबर्स को बुला लिया दिल्ली। इसके बाद मैंने फैसला किया कि मुख्यमंत्री पद छोड़ दूंगा और जिन पर उन्हें भरोसा होगा उन्हें बना दें।

कांग्रेस अध्यक्ष ने ये फैसला किया, वो ठीक है। इससे पहले कैप्टन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और मनीष तिवारी से बात कर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन ने आज ही पूरी कलह खत्म करने को कहा था। साथ ही धमकी दी कि उन्हें इस तरह CM पद से हटाया गया तो वे पार्टी भी छोड़ देंगे। उन्होंने ये संदेश पार्टी हाईकमान तक पहुंचाने के लिए भी कह दिया था।

कैप्टन से नाखुश 40 विधायकों की चिट्ठी के बाद कांग्रेस हाईकमान ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया था। उन्होंने शनिवार शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की घोषणा कर दी। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शुक्रवार आधी रात को यह जानकारी शेयर की थी।विधायक दल की मीटिंग के लिए अजय माकन और हरीश चौधरी ऑब्जर्वर बनाए गए थे।

सियासी उठापटक के बीच पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार पूर्व DGP मुहम्मद मुस्तफा ने कहा कि पंजाब के विधायकों के पास साढ़े चार साल बाद कांग्रेसी CM चुनने का मौका है। यानी मुस्तफा ने साफ तौर पर अमरिंदर सिंह के कांग्रेसी होने को ही नकार दिया है।

मुस्तफा ने कहा कि 2017 में पंजाब ने कांग्रेस को 80 विधायक दिए। इसके बावजूद आज तक कांग्रेसी CM नहीं मिला। करीब साढ़े चार साल में कैप्टन ने पंजाब और पंजाबियत के दर्द को दिल से नहीं समझा। ऐसे में अब 80 में से 79 विधायकों के पास सम्मान पाने और जश्न मनाने का मौका आया है।

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