बंगाल विधानसभा उपचुनाव : महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ भाजपा की महिला नेत्री!

प्रियंका टिबरीवाल भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं, सुप्रियो की सलाह के बाद ही वह अगस्त 2014 में भाजपा में शामिल हुई थीं। 2015 में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में वार्ड संख्या 58 (एंटली) से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के स्वपन समदार से हार गई थीं।

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लखनऊ  / कोलकाता। पश्चिम बंगाल‌ में होने वाले उपचुनाव के लिए राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही है, क्योंकि पूरे देश में सबसे हाट सीट मानी जाने वाली बंगाल‌ के मुख्यमंत्री की कुर्सी दांव पर है। पश्चिम बंगाल‌ में 30 सितम्बर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी कमर कस‌ लिया है।

भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा‌ का शीर्ष नेतृत्व खासी दिलचस्पी दिखा रहा है, क्योंकि पश्चिम बंगाल‌ की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसी सीट से चुनावी मैदान में है यदि वह इस सीट पर उपचुनाव हार जाती है तो उनको अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। यदि ऐसा होता है तो यह भाजपा के लिए राजनैतिक मायनो में बड़ी जीत होगी। इसी को देखते हुए 2014 में‌ भाजपा‌ में शामिल हुयी प्रियंका टिबरीवाल को भाजपा‌ ने अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रियंका टिबरीवाल भाजपा नेता बाबुल सुप्रियों की कानूनी सलाहकार भी रह चुकी है।

टिबरीवाल‌ ने अब तक‌ दो चुनाव लड़ा है उसमे उनको पराजय का सामना करना पड़ा है इस बात को लेकर बंगाल भाजपा‌ का एक धड़ा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के इस निर्णय का‌ विरोध भी कर रहा है। हलांकि अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा के तुरुप का इक्का ममता बनर्जी पर भारी पड़ता है या नहीं‌? यह फैसला बंगाल‌ की जनता करेगी।

आपको बता दें कि टिबरीवाल का जन्म 7 जुलाई 1981 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वेलैंड गॉल्ड स्मिथ स्कूल से पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद, उन्होंने 2007 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के अधीन हाजरा लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने थाईलैंड अनुमान विश्वविद्यालय से एमबीए भी किया है।

 

प्रियंका टिबरीवाल भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं, सुप्रियो की सलाह के बाद ही वह अगस्त 2014 में भाजपा में शामिल हुई थीं। 2015 में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में वार्ड संख्या 58 (एंटली) से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के स्वपन समदार से हार गई थीं।

भाजपा में अपने छह साल के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यों को संभाला और अगस्त 2020 में, उन्हें पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) का उपाध्यक्ष बनाया गया। इस साल उन्होंने एंटली से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन टीएमसी के स्वर्ण कमल साहा से 58,257 मतों के अंतर से हार गईं।

हाल ही में एक निजी चैनल से बात करते हुए, टिबरीवाल ने कहा कि ‘पार्टी ने मुझसे सलाह ली है और मेरी राय पूछी है कि मैं भवानीपुर से चुनाव लड़ना चाहती हूं या नहीं, जिनमे कई नाम हैं और मुझे अभी पता नहीं है कि उम्मीदवार कौन होगा। इतने सालों में मेरा साथ देने के लिए मैं अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद देना चाहती हूं।

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