ख़ामोश हैं सरफ़राज़ लेकिन परफार्मेंस दे रहे हैं उनके प्रतिभा की दास्तान

क्रिकेट समीक्षक डॉ श्यामल आनंद कहते हैं यकीन नहीं होता कि शानदार प्रदर्शन के बावजूद सरफराज का चयन नहीं हुआ। 25 वर्षीय सरफराज खान ने 36 फर्स्ट क्लास मुकाबलों की 52 पारियों में 80 की औसत से 3,380 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 301* के सर्वाधिक स्कोर के साथ 12 शतक और 9 अर्धशतक लगाए हैं। इसी सरफराज खान ने 29 फर्स्ट क्लास मुकाबलों की 33 पारियों में 2928 रन बनाकर डॉन ब्रैडमैन के रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। पर वह सब अनदेखा किया गया!

0
263

लखनऊ ।  क्या घरेलू क्रिकेट की परफार्मेंस अब राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के लिए कोई मायने नहीं रखते? एक बच्चा जब पहली बार अपने हाथों में बॉल या बल्ला थामता है तो उसका सपना अपने देश की तरफ़ से क्रिकेट खेलना होता है लेकिन बेहतरीन प्रदर्शन और फिटनेस के बावजूद जब उसका चयन राष्ट्रीय टीम में नहीं होता तो उसकी मायूसी और असली तकलीफ क्या होती है, ये इंडियन एक्सप्रेस की हेडलाइन से समझ सकते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में भी सरफराज खान का चयन नहीं हुआ। इससे एक संदेश जो स्पष्ट तौर पर सामने आया है, वह यह है कि रणजी ट्रॉफी में किया गया प्रदर्शन अब चयनकर्ताओं के लिए कोई मायने नहीं रखता। सरफराज खान खामोश हैं लेकिन उनकी परफार्मेंस उनकी प्रतिभा की दास्तान कह रहे हैं। उन्होंने साल 2021-22 रणजी ट्रॉफी सीजन में 122.75 की औसत से 4 शतक और 2 अर्धशतक की मदद से 982 रन बनाए। जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 275 था। इस बीच, रणजी ट्रॉफी के मौजूदा संस्करण में भी उन्होंने 107.75 की औसत और 70.54 के स्ट्राइक रेट से 2 शतक और 1 अर्धशतक के साथ 431 रन बना दिए हैं। फिर भी राष्ट्रीय टीम में चयनित न किये जाने पर सरफराज की मायूसी को अंग्रेजी दैनिक National Krida लिखता है,

कहते हैं कि कोई तुम्हें तब तक नहीं हरा सकता, जब तक तुम खुद से ना हार जाओ। लेकिन सवाल है आखिर कब तक? मशहूर कॉमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी सरफराज को भारतीय टेस्ट टीम में नहीं चुने जाने पर निराशा जाहिर की है। हर्षा भोगले ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह सरफराज खान के लिए बहुत कठोर निर्णय है। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट से आगे बढ़ने के लिए रास्ते की हर दीवार को तोड़ दिया है। जितना सरफराज खान ने कर दिया है, उससे ज्यादा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। ऐसे में उन्हें हर हाल में इंडियन टीम में चुना जाना चाहिए था। पर जो चीज क्रिकेट एक्सपर्ट्स को साफ नजर आ रही है, बीसीसीआई ने उसे ना देखने के लिए मानो आंखों पर काली पट्टी बांध ली है।

क्रिकेट समीक्षक डॉ श्यामल आनंद कहते हैं यकीन नहीं होता कि शानदार प्रदर्शन के बावजूद सरफराज का चयन नहीं हुआ। 25 वर्षीय सरफराज खान ने 36 फर्स्ट क्लास मुकाबलों की 52 पारियों में 80 की औसत से 3,380 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 301* के सर्वाधिक स्कोर के साथ 12 शतक और 9 अर्धशतक लगाए हैं। इसी सरफराज खान ने 29 फर्स्ट क्लास मुकाबलों की 33 पारियों में 2928 रन बनाकर डॉन ब्रैडमैन के रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। पर वह सब अनदेखा किया गया! अगर सरफराज किसी और देश में ऐसा प्रदर्शन कर रहे होते, तो काफी पहले उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने का अवसर मिल गया होता। भारत में अब ऐसा लग रहा है कि बीसीसीआई और चयनकर्ता घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को महत्व देने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं। ऐसे में सरफराज खान का क्रिकेट करियर संकट में नजर आ रहा है।

डॉ आनंद चयनकर्ताओं से पूछते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चुनी गई टेस्ट सीरीज की टीम में रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उपकप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएस भरत, ईशान किशन, आर अश्विन, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, जयदेव उनादकट, सूर्यकुमार यादव से सजी टीम में क्या सरफराज खान  डिजर्व नहीं करते थे?

LEAVE A REPLY