खिलाओ भई खिलाओ, अपने कार्यकर्ताओं को दाल चावल रोटी सब्जी भी खिलाओ

दरअसल कोरोना महामारी के चलते हुए विधानसभा चुनाव में नेताओं के साथ दिन रात जुटने वाले कार्यकर्ताओं के खानपान में परिवर्तन आया है, अब केवल पूड़ी सब्जी खाकर प्रचार नहीं हो रहा ,बल्कि चुनावी दफ्तरों में कार्यकर्ताओं के लिए दाल, रोटी, सब्जी, चावल का इंतजाम भी किया जा रहा है।

0
888

लखनऊ / दिल्ली । यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) मे चाय समोसा के साथ ही चुनाव आयोग अब नेताओं से भोजन थाल का हिसाब मांग रहा है।  पहले के चुनावों में अब तक सिर्फ पूरी सब्जी एक मिठाई व चाय समोसा ही खाना माना जाता था। इसी को चुनावी खर्च में जोड़ा जाता था, मगर इस कड़ी में एक और आदेश आ गया है।

दरअसल, प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की लिस्ट में पहली बार रोटी, दाल, चावल, सब्जी से सजे भोजन थाल को भी शामिल किया गया है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग की भोजन थाली ₹225 की तय की गई है, इस थाली में 4 तवा रोटी, एक दाल, एक सूखी सब्जी, पनीर सब्जी, रायता, चावल, सलाद व एक मिठाई को रखा गया है।

दरअसल कोरोना महामारी के चलते हुए विधानसभा चुनाव में नेताओं के साथ दिन रात जुटने वाले कार्यकर्ताओं के खानपान में परिवर्तन आया है, अब केवल पूड़ी सब्जी खाकर प्रचार नहीं हो रहा ,बल्कि चुनावी दफ्तरों में कार्यकर्ताओं के लिए दाल, रोटी, सब्जी, चावल का इंतजाम भी किया जा रहा है।

चुनावी खर्च की लिस्ट में नाम पर केवल पूड़ी सब्जी व चाय समोसा ही शामिल किया जाता था, वहां एक मिठाई के साथ चार पूड़ी सब्जी की दर 37 रुपए तय की गई है जो कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव के रेट से ₹5 अधिक है, जबकि चाय और समोसा की दरें छह- छह रुपए प्रति पीस रखी गई हैं।

आपको बता दें कि चुनावी खर्च का रेट चार्ट जारी होने के बाद राजनीतिक दलों की ओर से खाने में दाल, रोटी ,चावल के भोजन थाल का अनुरोध किया गया था जिसे केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया था।

LEAVE A REPLY