मानव संसाधान विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर ने यह ऐलान किया है कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में छात्रों को भारी बस्ते से जल्द ही छुटकारा मिलेगा | इसके लिए मंत्रालय मापदंड बना रहा है | उन्होंने कहा कि बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ रहा है, मैं इसे कम करने जा रहा हूं। भारी बस्ता ढ़ोना जरूरी नहीं है। सरकार सीबीएसई स्कूलों के लिए मानक बना रही है ताकि बच्चों को सभी किताबें एवं कापियां रोज स्कूल नहीं ले जानी पड़े। कुछ समय पूर्व सीबीएसई ने अपने स्कूलों में कक्षा दो तक बच्चों को बस्ता नहीं लाने और आठवीं तक सीमित किताबें लाने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे। लेकिन इन्हें अनिवार्य नहीं किया गया था। केंद्रीय स्कूलों में बस्ते के लिए वजन तय है तथा काफी हद तक उसका पालन भी हो रहा है। इसके तहत कक्षा दो तक दो किलो, कक्षा चार तक तीन किलो, कक्षा सात तक चार किलो और इससे ऊपर की कक्षाओं के लिए छह किलो वजन तय है। सूत्रों के अनुसार इस फार्मूले को थोड़ा-बहुत संशोधन के साथ भी सीबीएसई के सभी स्कूलों के लिए आवश्यक किया जा सकता है।
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