सुन्नी सूफी उलेमा भी सपा के विरोध में , कहा जहाँ मौलाना कल्बे जव्वाद कहंगे वोट देंगे

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सुन्नी सूफी उलेमा ने मौलाना कल्बे जव्वाद का समर्थन किया,कहा जहाॅ मौलाना कहंगे हम वोट देंगे | सपा व भाजपा के खिलाफ सुर में सुर मिलाते उलेमाओं और मौलानाओं ने बसपा की और समर्थन देने का इशारा करते हुए अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधा| शिया व सूफी सुन्नी संयुक्त मोर्चे की ओर से इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद हजरतगंज में शिया व सूफी सुनी आलिमों का एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन हुआ। प्रेस वार्ता में ओलमा ने संयुक्त रूप से कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति जाति और धर्म की राजनीति हो गई है। आज हर कोई उत्तर प्रदेश की फिजा में नफरत का जहर घोलना चाहता है।सभी दलों को चाहिए कि वह उत्तर प्रदेश के विकास के लिए रचनात्मक राजनीति करें इससे हर देश और हर धर्म के लोगों का भला होगा। उलेमा ने संयुक्त रूप से कहा कि हम किसी विशेष धर्म या किसी एक व्यक्ति के लिए बात करने नहीं आए हैं बल्कि राज्य के विकास के लिए इकट्ठे हुए हैं। उलेमा ने कहा कि उत्तर प्रदेश को इस समय ऐसी सरकार की जरूरत है जो यूपी के विकास के लिए योजना बनाने करे और कानून व्यवस्था की बिगड़ी हुई स्थिति में सुधार ला सके। उलेमा ने  कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के अपराधों की सूची बहुत लंबी है, मुसलमान कभी समाजवादी पार्टी के अपराध,जुल्म  और उत्पीड़न को नहीं भूल सकता।समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को सिर्फ धोखा दिया है और आज भी धोखे की राजनीति कर रही है।  सभी सूफी सुन्नी उलमा ने संयुक्त रूप से कहा कि सभी खानकाहें सत्य और न्याय की लड़ाई में मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी के साथ हैं। सुन्नी उलमा ने कहा कि मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने चुनाव में जिस पार्टी के समर्थन की घोषणा की हैं सूफी सुन्नी उलमा, सभी खानकाहें और खानकाहों से जुड़े सभी लोग उसी पार्टी के समर्थन में रहेंगे।
उलेमा ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 2007 में फैजाबाद कचहरी में हुए विस्फोट के मामले में जिन दो मोलवियों को संदिग्ध समझ कर बाराबंकी रेलवे स्टेशन  के बाहर से गिरफ्तार किया गया था उनकी बेगुनाही पर   न्यायाधीश  आर0डी0 निमेश की जांच रिपोर्ट आ चुकी है मगर दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उस रिपोर्ट को विधानसभा में तो पेश किया गया मगर समावाजवादी सरकार ने शपथ पत्र के साथ रिपोर्ट को अदालत में पेश नहीं किया। अगर वह रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ अदालत में पेश कर दी जाती तो आज मौलाना तारिक जेल में नहीं होते और मौलाना खालिद जीवित होते।
उलेमा ने कहा कि मौलाना तारिक और मौलाना खालिद की गिरफ्तारी में भाजपा के करीबी समझे जाने वाले विक्रम सिंह आगे आगे थे,विक्रम सिंह और भाजपा के लोगों को बचाने के लिए सपा सरकार ने जस्टिस निमेश की जाॅच रिपोर्ट को अदालत में पेश नहीं क्या।उलेमा ने कहा कि मायावती सरकार ने मौलाना खालिद और मौलाना तारिक की गिरफ्तारी के बाद जांच के लिए न्यायमूर्ति आर0डी0 निमेश को निश्चित किया था मगर जांच रिपोर्ट आने से पहले ही चुनाव आ गए और राज्य में समाजवादी सरकार आ गई ,समाजवादी सरकार के आने के बाद जब जस्टिस निमेश ने जांच रिपोर्ट पेश की तो समाजवादी सरकार ने इस रिपोर्ट को केवल विधानसभा में पेश किया और खूब वाह -वाही बटोरी मगर जान बूझकर शपथ पत्र के साथ इस रिपोर्ट को अदालत में पेश नहीं किया गया इसी लिये आज तक बेगुनाह मौलाना तारिक जेल मै है। यह सवाल समाजवादी सरकार और अखिलेश यादव से पूछा जाना चाहिए कि आखिर उन्होंने इस रिपोर्ट को अदालत में क्यों पेश नहीं किया? यह सवाल मुसलमानों के तथाकथित नेताओं से भी करना चाहिए जो समाजवादी पार्टी और बी0      जे0 पी0 की गुलामी कर रहे हैं कि आखिर उन्होंने निर्दोष  कैद मुस्लिम युवाओं के लिए क्या कोशिश की? लगभग दस    साल हो गए एक निर्दोष मौलवी जेल की सजा भुगत रहा है और न जाने कितने ऐसे निर्दोष हैं जिन्हें सरकार की  लापरवाही और सोची समझी साजिश के तहत जेलों में सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है और कितने बेगुनाह मर गये होंगे ।  उलेमा ने कहा कि ऐसी सरकार से हम क्या उम्मीद कर सकते हैं जो केवल धोखा देकर और आर0एस0एस0 का भय दिलाकर वोट लेना चाहती है। इसलिए हम राज्य की जनता से अपील करते हैं कि सोच समझकर वोट करें और ऐसी सरकार को लायें जो राज्य के विकास के साथ कानून व्यवस्था भी बेहतर कर सके।
संवाददाता सम्मेलन में मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी के साथ मौलाना सैयद सिब्तैन हैदर बरकाती सज्जादा नशीन खानकाहे बरकातिया मारहरह शरीफ, मौलाना हिदायत अल्लाह बरकाती, श्री सैयद हस्सान मियां सज्जादा नशीन खानकाहे करीमया मौलाना शिराज खादमी नायब सज्जादा नशीन खानकाहे खादमिया, मौलाना अली मियां श्री मुजीब बरकाती, जनाब जफर आलम बरकाती,जनाब अब्दुल वहीद,जनबा मौलाना मुहम्मद शरीफ, मौलाना हबीब उर्रहमान, मौलाना इकबाल बरकाती, मौलाना हसनैन आलम बरकाती, मौलाना सूफी मोहम्मद मोइनुद्दीन चिश्ती नायब सज्जादा नशीन खानकाहे तोसिया, मौलाना सैयद अली बकाई और मौलाना हबीब हैदर मौजुद रहे।मौलाना हसनेन बाकाई प्रेस वार्ता में  नही आ सके मगर उन्होंने भी लिखित पैगाम में मौलाना कलबे जवाद नकवी के सर्मथन का एलान किया।

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