भगवान् श्री राम की जन्म भूमि पर एक विराट भव्य मंदिर के दर्शन हेतु सम्पूर्ण भारत आज आतुर है:बंसल

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भगवान् श्री राम की जन्म भूमि पर एक विराट भव्य मंदिर के दर्शन हेतु सम्पूर्ण भारत आज आतुर है। माननीय उच्च न्यायालय के 2010 के निर्णय को साढ़े छः वर्ष बीतने पर भी अभी हम अपनी छाती पर पत्थर बांधे इन्तजार को मजबूर हैं। भारतीय नव वर्ष विक्रमी सम्वत 2074 के स्वागत में दिल्ली के चांदनी चौक में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद् की राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने यह भी कहा कि भगवान झूले लाल, संघ के आद्य सरसंघ चालक केशव वली राम हेडगेवार की जयंती आर्य समाज की स्थापना, धर्मराज युधिष्ठिर, सम्राट विक्रमादित्य के साथ ही भगवान श्री राम के राज्याभिषेक की इस पावन पुण्य तिथि पर हम संकल्प लेते हैं कि अयोध्या स्थित जन्म भूमि पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर से पूर्व हम चैन से नहीं बैठेंगे। हमें पूर्ण विश्वास है कि बचन के पक्के हमारे प्रधान मंत्री मोदी व पूज्य महंत योगी जी भारत में राम राज्य की पुनः स्थापनार्थ मंदिर की भव्यता को सोमनाथ की तर्ज पर शीघ्र बहाल करेंगे।
नवसम्बत्सर आयोजन समिति के प्रधान सुशील जैन, विहिप के क्षेत्रीय गौरक्षा प्रमुख  राष्ट्र प्रकाश व समाज सेवी धर्मवीर शर्मा के संयोजन में चांदनी चौक क्षेत्र के अनेक व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों के उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए नव संवत्सर की शुभ कामनाओं के साथ विहिप प्रवक्ता ने श्री बंसल ने यह भी कहा कि गत 488 वर्षों में संघर्ष में हुए 76 युद्धों में राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए साढ़े चार लाख हिंदुओं ने बलिदान दिए, 70 वर्षो से न्यायालयों के चक्कर लगाने के बाद अब संसदीय कानून द्वारा ही भारतीय जन भावनाओं से जुड़े इस राष्ट्र मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रसस्त होगा। अब हर भारतीय अपने पूर्वज श्री राम की जन्म भूमि की भव्यता के दर्शन हेतु आतुरता से प्रतीक्षा कर रहा है।

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