सर्वे का सार! आदित्यनाथ आयेंगे

अपने चुनावी दौरे के अनुभव के आधार पर बता सकते हैं कि उतरप्रदेश के सात चरणों में हुए चुनाव में भाजपा और सीएम योगी आदित्यनाथ के पक्ष में फिर से समीकरण बनता दिखाई दे रहा हैं।

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें चरण की वोटिंग के साथ ही मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई है। भाजपा सपा बसपा कॉग्रेस सहित सभी प्रमुख दलों के जीत के अपने-अपने दावे हैं। हालांकि प्रदेश में भाजपा गठबंधन और सपा गठबंधन के बीच ही मुख्य मुकाबला देखने को मिला हैं। अनुमान लगाये जा रहे हैं कि बसपा और कांग्रेस की भी ठीक-ठाक उपस्थिति रहने वाली हैं।

अखिलेश यादव का खेमा सरकार के कामकाज, बेरोजगारी और जातीय समीकरण के आधार पर सत्ता परिवर्तन की बात तो जरुर कर रहा हैं।लेकिन ये हो पाएगा ये कहना कठिन है। अखिलेश यादव के गठबंधन की सीटें बढ़ जरुर सकती हैं लेकिन मोदी योगी की लोकप्रियता और लाभार्थी वर्ग के भाजपा के प्रति झुकाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी गठबंधन को बहमत मिलना आसान नहीं है।

अपने चुनावी दौरे के अनुभव के आधार पर बता सकते हैं कि उतरप्रदेश के सात चरणों में हुए चुनाव में भाजपा और सीएम योगी आदित्यनाथ के पक्ष में फिर से समीकरण बनता दिखाई दे रहा हैं। तमाम दावे और विपक्ष के उठाये गयें मुद्दे उसे बहुमत तक ले जाने में नाकाम साबित हो सकते हैं । सपा गठबंधन की 150-160 सीट के बीच आ सकती है तो वही भाजपा 230-240 सीटों के साथ सरकार फिर से बना सकती है चुनावी विश्लेषकों की मानें तो भाजपा सरकार बनने में कोई किंतु परंतु नहीं है।

बसपा, कांग्रेस और एआईएमआईम कई सीटों पर बेहतर कर सकते हैं। उतरप्रदेश में अखिलेश यादव मजबूत ताकत के साथ उभरेगे वो वही भाजपा को 70-80 सीटों के नुकसान के बावजूद हर हाल में गठबंधन की सरकार बनाएंगी। हॉ योगी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का सिराथु से  चुनाव जीतना आसान नहीं है तो वहीं योगी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अब सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य का भी हाल कुछ ठीक नहीं हैं लेकिन कुल मिलाकर सरकार पुनः भाजपा की आ रही है इसमें कोई शक नहीं है।युपी में फिर से योगी । बाकी  Exit Poll की पोल Exact Poll की गणना में दस मार्च को खुल जाएगी।

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