लखनऊ / प्रयागराज। यूपी राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो केएन सिंह ने कहा कि, पत्रकारिता का उद्देश्य समाज मे सूचना एवं जागरूकता फैलाने के साथ साथ लोक मंगल भावना का विकास करना है। सिर्फ अपनी खबरों की ज्यादा से ज्यादा पहुंच बनाने के लिए समाज की भावनाओं को भड़काना और लोगों में कौतूहल पैदा करना मीडिया की नैतिकता के खिलाफ है।
कोरोना समय में मीडिया एथिक्स के टॉपिक पर वो शनिवार को एक नेशनल वेबिनार में बोल रहे थे जिसे विश्वविद्यालय के मानविकी एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित किया गया था । उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान मिशन से शुरू हुई पत्रकारिता, अब प्रोफेशन से भी आगे बढ़ चली है। प्रोफेसर सिंह ने कोरोना काल में पत्रकारों की भूमिका की तारीफ करते हुए नसीहत दी कि उन्हें खबरों की तथ्यात्मक शुद्धता पर ध्यान देना चाहिए और सनसनीखेज हेडलाइन से बचना चाहिए।
मुख्य अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जगदीश उपासने ने वेबिनार में बोलते हुए मीडिया के एक वर्ग के पत्रकारों की मीडिया नैतिकता पर सवाल उठाए उन्होंने कहा कि सरकारों का विरोध करना पत्रकारों का काम हो सकता है लेकिन फेक न्यूज के जरिये सरकारों को घेरना ये कैसी नैतिकता है? जो आपकी पोल खोले उसे आप भक्त और ट्रोल बता देते हैं
उन्होंने कहा कि मीडिया के स्थापित प्रतिमान टूट रहे हैं सोशल मीडिया के आने के बाद मीडिया का एकाधिकार एवं गेट कीपर की भूमिका खत्म हो गई है इस सोशल मीडिया युग में अब तो किसी भी खबर को कोई भी ब्रेक करने लगा है ऐसे में पुराने पत्रकारों को अपने खोल से बाहर निकलने की जरूरत है।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने मीडिया में टेक्नोलॉजी की अहमियत पर कहा कि जिस प्लेटफार्म पर हम बात कर रहे हैं उसकी शुरुआत से लेकर अब तक की परफॉर्मेंस में 200% की उछाल आई है। एक सवाल के जवाब में बोलते हुए कहा मीडिया का काम सिर्फ सूचना देना नहीं है बल्कि समाज को प्रेरित करना एवं समाज के विजडम मे वैल्यू एड करना भी है।
हालाँकि बदलते दौर में मीडिया का प्राथमिक लक्ष्य मुनाफा कमाने की ओर बढा है उन्होंने युवा एवं भावी पत्रकारों को संबोधित करते हुए पांचजन्य के पूर्व संपादक ने, तथ्यों की पवित्रता के बारे में एक उदाहरण के जरिये समझाया कि, अगर मॉ कहती हैं कि बेटा मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूं तो पत्रकार की पत्रकारीय नैतिकता है कि वो मॉ के दावे की सच्चाई को भी तथ्यों के पैमाने जज करे। वरिष्ठ पत्रकार उपासने ने कोरोना काल में जान हथेली पर रख कर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को कोरोना वारियर्स कहा।
UP Rajrshri Tandon Open University द्वारा आयोजित नेशनल वेबिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर पांचजन्य के पूर्व संपादक एवं पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय भी जुड़े उन्होंने पत्रकारिता को कलम का धर्म एवं कलम के अधर्म के रूप में व्याख्यायित किया उन्होंने भारतीय मन एवं भारतीय धन के द्वारा संचालित होने वाली पत्रकारिता को कलम का धर्म कहा जबकि विदेशी मन एवं विदेशी धन द्वारा चलने वाली पत्रकारिता को कलम का अधर्म कहा उन्होंने अपनी बात को पुष्ट करने के लिए कुछ मीडिया घरानों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी रिपोर्टिंग से ऐसा लगता है जैसे भारत में कुछ भी ठीक नहीं है बल्कि यहाँ किसी तानाशाह का शासन है।
टीवी पत्रकार नवजोत रंधावा ने कोरोना के मद्देनजर पत्रकारों को सुरक्षित रह कर पत्रकारिता करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि खबरों को सबसे पहले ब्रेक करने की जल्दबाजी में तथ्यों को जिम्मेदारी एवं समझदारी के साथ समायोजित करना चाहिए।
वेबिनार के आखिरी चरण में सवाल जवाब का सेशन हुआ जिसका संचालन पत्रकारिता विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ साधना श्रीवास्तव ने किया। जिसमें देश भर के कई राज्यों के सैकड़ों प्रतिभगियों ने सवाल पूछे जिसका जवाब वरिष्ठ पत्रकार जगदीश उपासने, तरूण विजय समेत कई विद्वानों ने दिया । इससे पहले वेबिनार का शुभारंभ स्वागत भाषण से हुआ विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर सतीश जैसल ने वक्ताओं एवं प्रतिभगियों का स्वागत किया तथा पत्रकारिता विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ साधना श्रीवास्तव ने वक्ताओं एवं प्रतिभगियों के समक्ष विषय वस्तु का परिचय दिया।
Well done UP Open University