लखनऊ / दिल्ली । युद्धग्रस्त यूक्रेन के पड़ोसी देशों के लिए 31 निकासी उड़ानें संचालित की जाएंगी और पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र में फंसे 6,300 से अधिक भारतीयों को वापस लाया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। रूस के हमले से बुरी तरह प्रभावित यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत द्वारा चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत ये उड़ानें ‘एअर इंडिया’, ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस’, ‘इंडिगो’, ‘स्पाइजेट’ और भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित की जाएंगी।
सूत्रों ने बताया कि दो मार्च से रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से 21 विमान और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से चार विमान भारतीय नागरिकों को लेकर लौटेंगे। पोलैंड के ज़ेज़ॉ से भारतीयों को वापस लाने के लिए चार उड़ानें और स्लोवाकिया के कोसिसे से एक उड़ान संचालित की जाएगी। भारतीय वायु सेना बुखारेस्ट से भारतीयों को वापस लाएगी।
उन्होंने बताया कि दो मार्च से आठ मार्च के बीच कुल 31 उड़ानें संचालित की जाएंगी, जिनमें 6300 से अधिक भारतीयों को देश वापस लाया जाएगा। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस’ और ‘स्पाइसजेट’ के विमानों में लगभग 180 लोगों के बैठने की क्षमता है, जबकि ‘एअर इंडिया’ और ‘इंडिगो’ के विमान क्रमशः 250 और 216 यात्रियों को ला सकते हैं। ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस’ कुल सात उड़ानों, ‘स्पाइसजेट’ चार, ‘इंडिगो’ 12 और ‘एअर इंडिया’ चार उड़ानों का संचालन करेगी
एअर इंडिया एक्सप्रेस और ‘एअर इंडिया’ के विमान बुखारेस्ट से उड़ान भरेंगे, जबकि ‘इंडिगो’ बुखारेस्ट, बुडापेस्ट और ज़ेज़ॉ से चार उड़ानें संचालित करेगी। ‘स्पाइसजेट’, बुखारेस्ट से दो, बुडापेस्ट से एक और स्लोवाकिया के कोसिसे से एक उड़ान का संचालन करेगी। इस बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को बताया कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पिछले 24 घंटों में छह उड़ाने संचालित की गईं।
जयशंकर ने बुधवार सुबह ट्वीट किया, ‘‘ऑपरेशन गंगा संबंधी जानकारी। पिछले 24 घंटों में छह उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं। इनमें पोलैंड से रवाना हुई पहली उड़ान भी शामिल है। यूक्रेन में फंसे 1,377 से अधिक भारतीय इसमें सवार।’’ विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने मंगलवार की रात को बताया था कि करीब दो हजार भारतीय नागरिक अभी तक सुरक्षित अपने घर पहुंच चुके हैं, जबकि चार से पांच हजार भारतीयों को वापस लाने की तैयारी जारी है। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद, भारत ने 26 फरवरी से युद्ध ग्रस्त देश में फंसे अपने करीब 14 हजार नागरिकों को निकालने के लिये निकासी अभियान की शुरुआत की थी।