फीलिस्तीनियों की जान, उनके जख्म और उनकी जिंदगी की कीमत पर जीत का जश्न मना रहा हमास!

अगर लोकतांत्रिक सरकारों-समाजों पर आतंकवादी संगठनों की विजय ऐसे ही सेलीब्रेट होती रही तो आगे चलकर यूरोप, अमेरिका और भारत की लोकतांत्रिक सरकारों-समाजों में आतंकवादी-साम्प्रदायिक द्वेष के आधार पर अलगाववादी संगठन भारी उत्पात करेंगे ।

0
1014

लखनऊ । इजराइल हार गया! इजराइल ने हमारे आगे घुटने टेक दिये! इसलिए इजराइल ने बिना शर्त युद्ध बंदी की घोषणा कर दी! ये फीलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमारी का कहना है और इसी नैरेटिव पर दुनिया के हमास समर्थक जीत के जश्न में डूबे हुए हैं। 

संयुक्त राष्ट्र संघ ने हमास को आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में शामिल कर रखा है इसलिए उसकी विचारधारा उसकी कार्यनीति और उसकी रणनीति के बारे में बात करना बेमानी है लेकिन उसके समर्थकों को सोचना चाहिए कि निरपराध फिलिस्तीनियों की किस कीमत पर उन्हें अन्तरराष्ट्रीय योद्धा संगठन की पहचान मिली है?

अगर लोकतांत्रिक सरकारों-समाजों पर आतंकवादी संगठनों की विजय ऐसे ही सेलीब्रेट होती रही तो आगे चलकर यूरोप, अमेरिका और भारत की लोकतांत्रिक सरकारों-समाजों में आतंकवादी-साम्प्रदायिक द्वेष के आधार पर अलगाववादी संगठन भारी उत्पात करेंगे ।

रिपोर्ट्स के अनुसार हमास ने मात्र 5-6 करोड रुपयों के लोकल राकेट दाग कर इजराइल को अरबों रूपयों का व्यय प्रतिरक्षा मे खर्च करने को बाध्य किये , संभव है कि इजराइल का व्यय और भी हुआ हो क्योंकि यह आगणन तो रॉकेटों मिसाइलों के आधार पर है । पर इस गणना में शांति से जीवन यापन कर रही फिलिस्तीनी समाज का कितना नुकसान हुआ है ?

यूनाइटेड नेशन्स के अनुसार उनके शरण-शिविरों में 65000 फिलिस्तीनी आश्रय ले रहे हैं । इजराइली बमबारी से फिलिस्तीनियों के 1000 घर ध्वस्त हो गये हैं, 14000 घर रहने लायक नहीं बचे । बडे स्काईक्रैपर्स को बमों से हम सबने ध्वस्त होते और आग लगते देखा है। यानी फलता-फूलता फिलिस्तीन हमास की आतंकवादी कार्रवाई के कारण खण्डहर में बदल गया है ।

रिपोर्ट यह भी है कि अस्पतालों में घायलों की भारी संख्या आ रही है । अब फिर से फिलिस्तीन को पहले जैसा फलता-फूलता खडा करने में कितना समय लगेगा कोई नहीं कह सकता। अनुमान कि 100 बिलियन डॉलर का खर्च फिलिस्तीन को पुनः खडा करने में लगेगा। यह तब सम्भव होगा जब हमास दुबारा उकसावे की कार्रवाई ना करे ।

हमास का रिमोट कन्ट्रोल किसके पास है यह चीन  ही जानता होगा। उसने पाकिस्तान में पल रहे भारत-अफगानिस्तान विरोधी आतंकवादियों की भी रक्षा की है । बहरहाल पूरी दुनिया भर के वे लोग जिन्होंने आतंकवादी हमास की तरफदारी फिलिस्तीनी जनता के बहाने की है और लोकतान्त्रिक इजराइल के विरोध में छातियों ठोंकी हैं , उन्हे बेचारे फिलिस्तीनियों की पीडा , नुकसान के बारे में भी एक नजर डालने की जरूरत है जो शांति से जीवन जी रहे थे और जीना चाहते हैं।

LEAVE A REPLY