लोकसभा में नियम 193 के अधीन वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को जवाब देने के लिए आमंत्रित किया। अपनी चर्चा की शुरुआत करते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सबका धन्यवाद जो सबने चर्चा में हिस्सा लिया। जो सुझाव आए उस पर हम जरूर विचार करेंगे।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा कि हमने तय किया है कि हम 33 फीसदी इमीशन इंटेंसिटी कम करेंगे। इसके लिए हमने सारे उद्योगों के मानक बदलिए और सबको नई टेक्नॉलजी लाने को कहा। कॉर्बन उत्सर्जन की मॉनिटरिंग कराई। 22 फीसदी आज पहुंच चुके हैं। हमने फॉरेस्ट निर्माण का भी बड़ा उद्देश्य रखा है। जंगल बढ़ाने का ऐसा लक्ष्य किसी देश ने नहीं रखा रहा है। केवल दो देश का ग्रीन कवर बढ़ रहा है जिसमें एक भारत है इसका हमें गर्व होना चाहिए।
अपने जवाब में जावड़ेकर ने आगे कहा कि हम हमारे रास्ते पर चल रहे हैं अब दुनिया को चलना है। अगले महीने मैं स्पेन जाउंगा जहां रखूंगा कि भारत अपने रास्ते पर चल रहा है। विकासशील देशों को टेक्नॉलजी मिलना चाहिए। दिल्ली का मेट्रो आप देख रहे हैं। 2003 में पहली लाइन बनी थी। 274 स्टेशन है, 50 लाख लोग ट्रैवल करते हैं। कुछ पेड़ काटने पड़े लेकिन हमारी पॉलिसी है कि एक पेड़ काटो तो 5 लगाने पड़ेंगे। वो पेड़ भी बढ़े, जंगल भी बढ़ा और पॉल्युशन भी कम हुआ। यही सस्टेनेबल मॉडल है। विकास भी और पर्यावरण की रक्षा दोनों को हमें करना है।