केवल सिलेबस ही नहीं सामाजिक समस्याओं का समाधान भी करें विश्वविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय का 65वां दीक्षान्त समारोह शनिवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति  आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। 

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लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल (Governor) एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति (Chancellor) आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय (University of Lucknow) का पैंसठवां दीक्षान्त समारोह (65th Convocation) सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल  ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों और मेधावी पदक विजेता छात्र-छात्राओं के साथ-साथ उनके माता-पिता और गुरूजनों को  बधाई दी। दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रीय शिक्षा नीति ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ के कस्तूरीरंगन थे।

समारोह में जेनेवा फार्मास्यूटिकल्स लि0, पुणे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ0 संजय सिंह को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ सिंह ने भारत की पहली एम0आर0एस0ए0 आधारित वैक्सीन विकसित करने में भारत का नेतृत्व किया है। डॉ सिंह की विशिष्ट उपलब्धियों की चर्चा करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इस समारोह में इनके उद्बोधन छात्र-छात्राओं को अवश्य प्रेरित करेंगे।

अपनी स्थापना का एक शताब्दी पूर्ण कर चुके लखनऊ विश्वविद्यालय के पैंसठवें दीक्षान्त समारोह को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने एक गौरवपूर्ण अवसर बताते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय अनके महान हस्तियों का शिक्षा स्थल और कर्मस्थल रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा देश में सबसे पहले नयी शिक्षा नीति-2020 का विजन लागू करने के लिए बधाई देते हुए नैक की सर्वोच्च रैंक ‘ए़़‘ की उपलब्धि का उल्लेख भी किया। राज्यपाल ने कहा कि अब प्रदेश के विश्वविद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होने से नैक रैंकिंग की उच्च श्रेणियाँ प्राप्त हो रही हैं। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर को भी नैक की सर्वाेच्च ‘ए़़‘ रैंक प्राप्त हो गयी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश के विश्वविद्यालय उत्कृष्टता की श्रृंखला में निरंतर बढ़ोत्तरी करते रहेंगे।

मैडम गवर्नर ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्हें अपनी शिक्षा का उपयोग देश, समाज और परिवार हित में करने के लिए पे्ररित किया। उन्होंने वृद्धाश्रमों के बढ़ते प्रचलन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए इसे भारतीय संस्कृति के विपरीत बताया और विद्यार्थियों को अपने परिवार के प्रति आदर और समर्पण भाव रखने को कहा। उन्होंने दीक्षान्त समारोह पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं के वर्चस्व पर प्रसन्नता व्यक्त की। उनके आग्रह पर समारोह में आए सभी प्रतिभागियों ने अपने स्थान पर खड़े होकर छात्राओं का उत्साहवर्द्धन किया। इसी क्रम में उन्होंने भारत में मजबूत होती महिला शक्ति, विविध क्षेत्रों में महिलाओं के अद्वितीय योगदान का भी उल्लेख किया।

श्रीमती पटेल ने शैक्षिक उन्नति में पिछड़ रहे छात्रों का अधिक मेहनत करके शीर्ष नेतृत्व के लिए प्रतियोगी रहने हेतु प्रेरित किया। मेधावी छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि भविष्य में भी वे लगन और मेहनत से देश और समाज के प्रति अपना योगदान दें। उन्होंने विद्यार्थियों को व्यवहार कुशल, कार्यक्षेत्र में प्रतिबद्ध रहने के साथ-साथ अपने कौशल में वृद्धि करते रहने को भी कहा। अपने सम्बोधन में राज्यपाल  ने भारत को मिली जी-20 देशों की अध्यक्षता भूजल-सम्वर्द्धन और जल संरक्षण पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रभावी प्रयास, खेलों में प्रतिभागिता के बढ़े अवसरों पर भी चर्चा की।

राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि, सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूकता, शिक्षा को जमीनी प्रयोगों से जोड़ने जैसी विविध उपलब्धियों की चर्चा करते हुए प्रशंसनीय बताया। इसी क्रम में उन्होंने विश्वविद्यालयों को अपने परिवार से बाहर आकर सामाजिक गतिविधियों में योगदान देने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल सिलेबस की निर्धारित शिक्षा से ही न जुड़े अपितु उन्हें सामाजिक समस्याओं के निराकरण, क्षय रोगियों को उनके स्वस्थ होने तक पोषण देखभाल हेतु गोद लेने, गाँवों के आंगनवाड़ी केन्द्रों और प्राथमिक स्कूलों में सुधार करने के लिए भी दायित्व पूर्ण कार्य करना चाहिए। सब मिलकर कार्य करेंगे, सब एक साथ जुड़ेंगे तभी सबका साथ-सबका विकास सफल होगा। उन्होंने देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन और प्रयोग पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वास्थय की दृष्टि से इनके लाभकारी होने के कारण आज दुनियाभर मंे इसकी मांग बढ़ी है। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर इसके प्रयोग के लाभ और व्यंजनों के प्रचार-प्रसार कराने को कहा।

कुलाधिपति एवं राज्यपाल जी ने प्राथमिक विद्यालय देवरीगजा, माल, लखनऊ से समारोह में आए 31 विद्यार्थियों को प्रेरणादाई पुस्तकें एवं बैग वितरित किए तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु उपयोगी सामग्री वितरित की। समारोह में राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा रचित पुस्तकों का लोकार्पण भी किया।

मुख्य अतिथि डॉ के0 कस्तूरीरंगन  ने अपने अनुभव विद्यार्थियों से साझा किए और उनको आगामी जीवन में सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि एवं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय तथा उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने उपाधि प्राप्त सभी विद्यार्थियों को आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। दीक्षान्त समारोह में विविध पाठ्यक्रमों के कुल 42688 उपाधियाँ प्रदान की गई। विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 189 पदक प्रदान किए गए, जिसमें 168 स्पर्ण, 02 रजत, 10 कांस्य तथा 09 पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर समारोह में विश्वविद्यालय के विविध संकायों के अध्यक्ष, शिक्षक, पदाधिकारी, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में छात्र छात्राएँ उपस्थित थे।

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