लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । उत्तर प्रदेश के लोक आयुक्त संजय मिश्र ने सोमवार को राज्यपाल के समक्ष लोक आयुक्त प्रशासन का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। लोक आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोक आयुक्त प्रशासन को उत्तर प्रदेश में वर्ष 2020 में कुल 2004 परिवाद प्राप्त हुए, जिसमें पूर्व से लम्बित 1491 परिवादों को सम्मिलित किये जाने पर कुल 3495 परिवादों पर कार्यवाही की गयी।
वर्ष 2020 में कुल 1788 परिवादों को निस्तारित किया गया, जिसमें प्रारम्भिक स्तर पर निस्तारित परिवाद-1475 तथा अन्वेषण के बाद निस्तारित परिवाद-313 सम्मिलित है। दिनांक 31 दिसम्बर 2020 तक कुल 1707 परिवाद लम्बित थे, जिन पर कार्यवाही प्रचलित है।
पद के दुरूपयोग अथवा पदीय कर्तव्यों का निर्वहन न करने अथवा कुप्रशासन के परिणामस्वरूप जिन परिवादियों को अन्याय एव अनुचित कष्ट कारित हुआ था उनको लोक आयुक्त प्रशासन द्वारा की गयी प्रभावी कार्यवाही के आधार पर वर्ष 2020 में लगभग धनराशि रू0 295.83 लाख का भुगतान कराया गया, जिसमें सेवानिवृत्त संबंधी मामलों में राहत पहुँचाये जाने के प्रकरण सम्मिलित है।
लोक आयुक्त एवं उप लोक आयुक्त द्वारा वर्ष 2020 में कुल 18 प्रतिवेदन एवं 03 संस्तुतियाँ सक्षम प्राधिकारी को प्रेषित की गयी। जिसमें अध्यक्ष, नगर पंचायत/नगर पालिका के विरूद्ध 02 प्रतिवेदन तथा 03 प्रतिवेदन वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्व प्रेषित किये गये। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेन्स व सुशासन की जन आकांक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए प्राप्त परिवादों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है।
अवसर पर लोक आयुक्त प्रशासन से माननीय उप लोक आयुक्त शम्भू सिंह इसयादव उप लोक आयुक्त दिनेश कुमार सिंह, उप लोक आयुक्त सुरेन्द्र कुमार यादव, अनिल कुमार सिंह, सचिव, लोक आयुक्त, अपूर्व सिंह, मुख्य अन्वेषण अधिकारी, राजेश कुमार, संयुक्त सचिव एवं अवनीश शर्मा, जन सम्पर्क अधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता भी उपस्थित रहे।