एक पत्रकार सत्य की खोज में हर वह काम करता है, हर उस जगह जाता जहां उसकी जान जाने का खतरा होता है । वह पत्रकार जुनून के साथ अपना कार्य करता है । एक सच्चा पत्रकार वही होता है जो अपनी जान की परवाह किए बगैर देश और दुनिया की खबरें को इकट्ठा करता है और आप तक पहुंचाता है । आप शायद इस बात को समझ भी नहीं पाते कि पत्रकार कितनी मेहनत करके यह रिपोर्ट दिखाता है और आप सब इस रिपोर्ट को पढ़कर और देखकर बिना समझे आगे बढ़ जाते हैं लेकिन रिपोर्टिंग के दौरान अगर किसी पत्रकार की जान चली जाए और वह खुद खबर नहीं बन पाता है । युद्ध क्षेत्र में सेना के जवानों के साथ पत्रकार भी अपनी जान देते हैं कोई नहीं जानता कि वार जोन में रिपोर्टिंग करना कितना खतरनाक होता है ।
यह कड़वा सत्य है कि पत्रकारों की जान जोखिम में डालने वाले ग्राउंड रिपोर्टिंग को हमारा समाज हमारे दर्शक एक सीरियल की तरह देखते हैं । एक सर्वे के मुताबिक आज के समाज में केवल 13 फीसदी खबरें बिना डर और दबाव के लिखी जाती हैं । जब हम किसी खराब सड़क, भ्रष्टाचार वाले समाचारों को खबरों जब हम छापना चाहते हैं तो हमें पहले ही सावधान कर दिया जाता है कि यह फलाने साहब का काम है ।
दुनिया की 45 फ़ीसदी आबादी ऐसे देशों में रहते जहां पत्रकारिता का वातावरण बहुत खराब है । यह सब देखने के बाद आपको एहसास होगा कि आज के जमाने में पत्रकार के लिए निडर होकर सच्ची पत्रकारिता करना कितना कठिन है इसके बावजूद जो लोग सत्य की राह पर चलते हैं उन्हें मौत से डर नहीं लगता है और इस मामले में पत्रकारौं को बड़ा लंबा अनुभव है । मेरा मानना है की पत्रकारिता एक थैंकलेस जॉब है और यदि आप उन्हें कुछ नहीं दे सकते हैं तो धन्यवाद तो दे ही सकते हैं ।