लखनऊ / दिल्ली । इस्लामिक रिपब्लिक आफ ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के कट्टर समर्थक एवं कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रईसी ने शनिवार को राष्ट्रपति पद के चुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल की।
ईरान के न्यायपालिका के प्रमुख रहे रईसी का जन्म 14 दिसंबर 1960 को देश के उत्तर पूर्वी मशहद मे हुआ था हुज्जत अल इस्लाम के नाम से मशहूर सैयद इब्राहिम रईसी को कट्टरपंथी विचारधारा को मानने वाला माना जाता है। इब्राहिम रईसी को ईरान के सबसे समृद्धि सामाजिक संस्था और 8 वे शिया इमाम रेंइजा के पवित्र दरगाह असतान के संरक्षक रह चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक रईसी हमेशा काली पगड़ी बांधते हैं जो इस बात का प्रतीक है। वह सैयद यानी मुसलमानों के पैगंबर मोहम्मद साहब के वंशज हैं। BBC मॉनेटरी की सूचना के अनुसार यह बताया जा रहा है कि रईसी को अयातुल्लाह अली खमेनेई के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में भी माना जाता हैै।
राष्ट्रपति के चुनाव होने से पहले ही गार्डियन काउंसलिंग ने सभी उम्मीदवारों के लिए सख्ती के साथ नियम लागू किया था उसी को मद्देनजर रखते हुए केवल 7 उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में नजर आए जिसमें तीन कट्टरपंथी और दो उदारवादी माने जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत के लिए इब्राहिम रईसी को बधाई दी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा कि भारत और ईरान के संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए मिलकर साथ काम करेंगे ।
ईरान में इस बार राष्ट्रपति चुनाव में सबसे कम मतदान का इतिहास बनाया है और शुरुआती नतीजे के हिसाब के मुताबिक इब्राहिम रईसी ने एक करोड़ 78 लाख मतदान से जीत हासिल की।
अगर भारत और ईरान के संबंध की बात करें तो फिलहाल अभी ईरान और भारत दोनों देश एक दूसरे के करीब हैं पर कुछ समय पहले भारत ने जम्मू कश्मीर के आर्टिकल 370 को हटाया था जिसका ईरान सरकार ने विरोध किया था इसके साथ-साथ ईरान चीन के करीब भी जाता दिखाई दिया।