Congress on International Women’s Day : लड़की हूँ लड़ सकती हूँ महज़ चुनावी नारा नहीं बल्कि नारी को सशक्त करने का आंदोलन है

देश भर में Exit Poll की गहमागहमी और उत्तर प्रदेश में कॉग्रेस को अपेक्षाकृत सत्ता की रेस से बाहर रखने के बावजूद इस मार्च को आयोजित किये जाने  पर हमारी रिपोर्टर्स विकास और प्रिंस ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ अभिजीत सिन्हा से पूछा तो उन्होनें कहा कॉग्रेस भले ही चुनावी राजनीति में बहुत अच्छा प्रदर्शन ना कर पाये लेकिन प्रियंका गॉधी ने सकारात्मक राजनीति का एजेंडा तय कर दिया है।

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लखनऊ / दिल्ली । भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजधानी लखनऊ में महिला मार्च का आयोजन किया । इस मार्च का नेतृत्व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किया। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ‘लड़की हूं-लड़ सकती हूं’ उनकी पार्टी के लिए सिर्फ चुनावी नारा नहीं, बल्कि देश में नारी को सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया आंदोलन है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण का संदेश देते हुए, ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ महिला मार्च आयोजित किया गया । कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं के अनूठे मार्च का नेतृत्व किया।

कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष  नेट्टा डिसूजा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक भूमि से शुरू किया गया ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ अभियान कांग्रेस के लिए आंदोलन है। कांग्रेस पार्टी महिलाओं के सशक्तिकरण की सिर्फ बात ही नहीं करती है, बल्कि उसे जमीन पर लेकर भी जाती है।

श्रीमती डिसूजा ने न्यूज डॉन को बताया कि मंगलवार को दिन में 12 बजे यह मार्च 1090 चौराहे से शुरू होकर वीरांगना ऊदा देवी प्रतिमा, सिकंदरबाग़ चौराहे पर ख़त्म हो गया । इस मार्च में ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की 159 महिला उम्मीदवार भी शामिल थीं । इसके अलावा पूरे देश में कांग्रेस पार्टी की निर्वाचित, महिला जनप्रतिनिधियों को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था ।

महिला कॉग्रेस की अध्यक्ष ने बताया कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ कांग्रेस के लिए सिर्फ चुनावी नारा नहीं बल्कि देश-प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त और सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया आंदोलन है। इसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं और उनकी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाना है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि पार्टी कुल उम्मीदवारों से 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी। पार्टी ने वह वादा पूरा किया और इस विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से 159 महिला उम्मीदवारों को पार्टी ने चुनाव लड़ने का मौका दिया।

उन्होंने बताया कि यह महिला मार्च एकजुटता का संदेश देने और राजनीति को अधिक समावेशी बनाने के साथ-साथ राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का भी प्रतीक है। नारी शक्ति के राजनीतिक पुनरोत्थान को अब कोई ताकत नहीं रोक सकती है और उत्तर प्रदेश से इसकी शुरुआत हो चुकी है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित इस मार्च में डॉक्टर्स, सेविकाओं, शिक्षिकाओं के साथ खेल और सिनेमा जगत से जुड़ी महिलाओं के अलावा कांग्रेस पार्टी की महिला पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थीं ।

नेट्टा डिसूजा ने बताया कि यह महिला मार्च एकजुटता का संदेश देने और राजनीति को अधिक समावेशी बनाने के साथ-साथ राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का भी प्रतीक है। नारी शक्ति के राजनीतिक पुनरोत्थान को अब कोई ताकत नहीं रोक सकती है और उत्तर प्रदेश से इसकी शुरुआत हो चुकी है।

आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के  पैदल मार्च में देशभर से महिला विधायक, सांसद एवं महिला मंत्री शामिल थीं इतना ही नही कई क्षेत्रों की प्रभावशाली महिलाएं भी इस महिला मार्च का हिस्सा बनीं । यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बी. श्रीनिवासन,कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा और NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुमार मार्च में मौजूद हैं।

देश भर में Exit Poll की गहमागहमी और उत्तर प्रदेश में कॉग्रेस को अपेक्षाकृत सत्ता की रेस से बाहर रखने के बावजूद इस मार्च को आयोजित किये जाने  पर हमारे रिपोर्टर्स विकास और प्रिंस ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ अभिजीत सिन्हा से पूछा तो उन्होनें कहा कॉग्रेस भले ही चुनावी राजनीति में बहुत अच्छा प्रदर्शन ना कर पाये लेकिन प्रियंका गॉधी ने सकारात्मक राजनीति का एजेंडा तय कर दिया है। अब इतना तय है, कि काँग्रेस चुनाव बाद बनने वाली नई सरकार के लिये मुद्दों को लेकर सड़कों पर आंदोलन करती नज़र आयेगी।

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