हमारे PM और आस्ट्रेलियाई पीएम मिले

दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच पहली वर्चुअल शिखर वार्ता जून 2020 में हुई थी। उस दौरान व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए कई फैसले भी लिए गए थे। हालांकि, इस बार व्यापार, महत्वपूर्ण खनिजों, प्रवास और गतिशीलता और शिक्षा में घनिष्ठ सहयोग पर चर्चा होने की उम्मीद है।

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लखनऊ / दिल्ली ।  राजनयिक सूत्रों ने बताया कि मॉरिसन भारत के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए 1500 करोड़ रुपये की एक निवेश योजना की घोषणा करेंगे। 1500 करोड़ रुपये का निवेश ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंध में किया गया सबसे बड़ा निवेश होगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन आज भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन करेंगे, जिसका आयोजन वर्चुअल रूप से किया जाएगा।

इस बैठक में दोनों देशों के शीर्ष नेता व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत विभिन्न पहलों पर प्रगति की समीक्षा करेंगे और व्यापार एवं निवेश के क्षेत्रों सहित दोनों पक्षों के बीच संपूर्ण व्यापक रणनीतिक संबंधों को और आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। जानकारी के मुताबिक, स्कॉट मॉरिसन द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी के साथ अपनी डिजिटल बैठक में 1500 करोड़ रुपये के निवेश पैकेज की घोषणा भी करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन के बीच सोमवार को दूसरी वर्चुअल शिखर बैठक हुई। बैठक में पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच हर साल शिखर बैठक के तंत्र की स्थापना पर खुशी जताई। उन्होंने रिश्तों में निरंतर प्रगाढ़ता को भी अहम बताया। पीएम मॉरिसन ने यूक्रेन संकट व जानमाल के नुकसान का उल्लेख करते हुए रूस को इसके लिए जिम्मेदार बताया।

पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि अपनी पिछली वर्चुअल समिट में हमने अपने रिश्ते को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया था। मुझे खुशी है कि आज हम दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन का तंत्र स्थापित कर रहे हैं। इस तंत्र से हमारे रिश्तों की नियमित समीक्षा का एक ढांचा तैयार हो सकेगा। बीते कुछ सालों में हमारे संबंधों में उल्लेखनीय विकास हुआ है। व्यापार व निवेश, रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा, नवाचार, विज्ञान व प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में हमारा काफी निकट सहयोग है।

मोदी ने आगे कहा कि हमारा क्षेत्र बढ़ते परिवर्तन और बहुत दबाव का सामना कर रहा है और मुझे लगता है कि हमारे क्वाड लीडर्स ने हाल ही में हमें रूस के यूक्रेन पर आक्रमण पर चर्चा करने का भी एक बड़ा अवसर दिया है।पीएम ने कहा कि CECA (व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता) का शीघ्र पूरा होना दोनों देशों के आर्थिक संबंधों और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि क्वाड में भी हमारे बीच अच्छा सहयोग चल रहा है और यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बता दें कि शिखर सम्मेलन में भारत में ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा अब तक का सबसे बड़ा व्यापार समझौता होने की उम्मीद है। कहा जा रहा है कि कैनबरा भारत में कई क्षेत्रों में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा कर सकता है। इस महीने के अंत तक दोनों देशों के बीच जल्द फसल समझौता होने की भी उम्मीद है। फसल समझौते का उद्देश्य दोनों देशों या व्यापारिक ब्लॉकों के बीच कुछ सामानों पर व्यापार शुल्क को कम करना है।

दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच पहली वर्चुअल शिखर वार्ता जून 2020 में हुई थी। उस दौरान व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए कई फैसले भी लिए गए थे। हालांकि, इस बार व्यापार, महत्वपूर्ण खनिजों, प्रवास और गतिशीलता और शिक्षा में घनिष्ठ सहयोग पर चर्चा होने की उम्मीद है।

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