लखनऊ / दिल्ली । 20 मार्च को हर साल विश्व प्रसन्नता दिवस मनाया जाता है। आनंद बसंता और खुशी किसी भी देश के विकास के मानदंडों पर खरा उतरने के लिए बेहद जरूरी है। साधारण सा शब्द प्रसंता या खुशी लोगों के आम जीवन में बहुत अहमियत रखता है। लेकिन आजकल लोग इसे नजरअंदाज कर रहे।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार रहे जेमी एलियन के प्रस्ताव पर जुलाई 2012 में तय किया गया था कि हर साल 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस सेलिब्रेट किया जाए। तब से लेकर आज तक 20 मार्च को हर साल दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय प्रसंता दिवस मनाया जाता है।
जेमी एलियन के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर जीवन में खुशहाल है तो वह बहुत तेजी से प्रगति करता है और आगे बढ़ता है। खुशहाली का संबंध सकारात्मक सोच और दूसरों के प्रति उदार भाव से है। इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस बनाने का उद्देश्य है कि इस दिन को सेलिब्रेट कर के आप जीवन में खुशहाली लाने के नए मौके तलाश कर सके ।
इस साल भी इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे की थीम बनाई गई है शांत और समझदार बने रहें और दूसरों के प्रति दया की भावना बनाए रखें।
हाल ही में आई संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार फिनलैंड विश्व का सबसे खुशहाल देश है लगातार पांचवीं बार खुशहाली में ग्लोबल रैंकिंग में प्रथम स्थान पर है। वहीं भारत का स्थान खुशहाली के मामले में 136 वां है।