अफगानिस्तान से आया पवित्र गुरुग्रंथ साहिब

सिख समुदाय के कुछ लोग काबुल गुरुद्वारे से अपने साथ पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियां सिर पर रखकर लाए थे, जिसे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और भाजपा नेता आरपी सिंह ने रिसीव किया और अपने सिर पर रखकर दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर लेकर आए। 

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लखनऊ / दिल्ली / काबुल । काबुल में फंसे भारतीय नागरिकों के साथ कुछ अफगान सिख और हिंदू परिवार भी दुशांबे के रास्ते भारत पहुंच चुके हैं। सिख समुदाय के कुछ लोग काबुल गुरुद्वारे से अपने साथ पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियां भी साथ लेकर आए हैं।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में फंसे भारतीयों को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को दुशांबे से एयर इंडिया का विमान (AI 1956) 78 लोगों के साथ दिल्ली पहुंच गया। इनमें 25 भारतीय नागरिक भी शामिल थे। इसके अलावा इनके साथ अफगान सिख और हिंदू परिवार भी आए हैं।

वहीं सिख समुदाय के कुछ लोग काबुल गुरुद्वारे से अपने साथ पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियां सिर पर रखकर लाए थे, जिसे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और भाजपा नेता आरपी सिंह ने रिसीव किया और अपने सिर पर रखकर दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर लेकर आए।

इससे पहले सिख समुदाय के लोगों का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वे फ्लाइट के अंदर ही ‘जो बोले सो निहाल और वाहे गुरुजी का खालसा-वाहे गुरुजी की फतह’ बोलते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शेयर किया था। जानकारी के अनुसार तालिबान के खौफ के बीच सोमवार को ही 78 लोगों को काबुल से दुशांबे पहुंचाया गया था और आज सभी लोग दिल्ली पहुंच गए हैं।

बता दें कि तालिबान के खौफ से उद्योग धंधे और बैंक बंद पड़े हैं। रोजगार खत्म हो रहे हैं। दैनिक उपभोग से जुड़ी वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों से लोग भूखे रहने को मजबूर हैं। लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। कई लोग कहीं नहीं जा सकते। ऐसे लोगों को दो वक्त की रोटी और दवा जुटाना मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना है कि तालिबान को आए हुए सप्ताहभर हुआ है, लेकिन इतने दिनों में ही हालात बद से बदतर हो गए हैं।

एक अन्य पूर्व पुलिसकर्मी बताते हैं कि वो जान बचाने के लिए छिपे हैं। 20 हजार रुपये महीने के वेतन की नौकरी भी जा चुकी है। अब परिवार की सुरक्षा और भरण पोषण की चिंता है लेकिन विकल्प नहीं है। मेरे चार बच्चे कई दिन से भूखे हैं। लोगों का कहना है कि अचानक खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। आटा, तेल, चावल जैसे खाद्य पदार्थों के साथ दैनिक उपभोग की चीजों की कीमतों में 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बैंक बंद होने से लोग जमा पैसा ही नहीं निकाल पा रहे हैं।

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