महंत नरेंद्र गिरी ने जिस रस्सी को कपड़े सुखाने के लिए मंगवाया , उसी के फंदे से लटकते मिले महंत ।

फिलहाल फोरेंसिक टीम ने इस रस्सी को भी कब्जे में ले लिया है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का शव पंखे में फंसाए गए फंदे पर लटका मिला था। पंखे के ठीक नीचे ड्रावर बॉक्स भी गिरा पड़ा था। सबसे खास बात यह है कि जिस रस्सी से फंदा बनाया गया था, वह रस्सी एक दिन पहले ही अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने मंगवाई थी।

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लखनऊ / अयोध्या । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कल (20 सितंबर) संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी और उनका शव उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ के कमरे से फांसी के फंदे से लटकता मिला था। शव के पास मिले सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि समेत आद्या तिवारी और संदीप तिवारी का जिक्र था। पुलिस ने शुरुआती जांच में इसे खुदकुशी का मामला बताया है और मामले की जांच की जा रही है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालत में मौत के मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पता चला है कि जिस रस्सी से बने फंदे पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का शव लटकता मिला, उसे एक दिन पहले ही उन्होंने अपने सेवकों से मंगाया था। पूछने पर कहा था कि कपड़े सुखाने के लिए उन्हें इसकी जरूरत है।

फिलहाल फोरेंसिक टीम ने इस रस्सी को भी कब्जे में ले लिया है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का शव पंखे में फंसाए गए फंदे पर लटका मिला था। पंखे के ठीक नीचे ड्रावर बॉक्स भी गिरा पड़ा था। सबसे खास बात यह है कि जिस रस्सी से फंदा बनाया गया था, वह रस्सी एक दिन पहले ही अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने मंगवाई थी। सेवकों से उन्होंने कहा था कि उन्हें कपड़े सुखाने के लिए रस्सी की जरूरत है। इस बात का खुलासा खुद महंत के शिष्यों ने हुई पूछताछ के दौरान हुआ है।

यह भी बताया कि पास की ही दुकान से यह रस्सी खरीदी गई थी। जिसके बाद फोरेंसिक टीम ने रस्सी को कब्जे में ले लिया। साथ ही इस पर मौजूद अंगुलियों के निशान के सैंपल भी एकत्र कर लिए। इसके अलावा सुसाइड नोट व कमरे में रखी ग्लास व अन्य सामान से भी फिंगर प्रिंट के नमूने एकत्र किए।

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