लखनऊ / श्रीनगर। कोविड की तीसरी लहर के बीच जम्मू कश्मीर में तेजी से संक्रमित हो रहे डॉक्टर और पैरा मेडिकल कर्मी कोविड रोगी चिकित्सा देखभाल प्रबंधन में चुनौती बन रहे हैं। स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्वास्थ्य केंद्रों में अब तक एक हजार से अधिक डॉक्टर और पैरा मेडिकल कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। जिससे चिकित्सा केंद्रों में रूटीन सर्जरी के बाद आपात सेवाओं पर भी संकट आ सकता है।
जीएमसी जम्मू और एसोसिएटेड अस्पतालों में ही करीब ऐसे पांच सौ कर्मी संक्रमित हुए हैं। इसमें रजिस्ट्रार, संकाय, पैरा मेडिकल कर्मी आदि शामिल हैं। कश्मीर में चार सौ से अधिक स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हुए हैं और ये आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस संक्रमण की चपेट में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल कर्मियों के आने से आगामी रूटीन के साथ इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। इसमें आपात प्रबंधन के लिए स्टाफ को तैयार रखने में मुश्किलें आ रही हैं।
जीएमसी जम्मू और एसोसिएटेड अस्पतालों में ही 33 पीजी में से 11 संक्रमित हो चुके हैं और इनमें अधिकांश थियेटर प्रबंधन से जुड़े हैं। इसी तरह 5-6 रेजीडेंट डॉक्टर, तीन संकाय सदस्यों सहित अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ संक्रमित हुआ है।
थियेटर प्रबंधन के लिए प्रमुख एनेस्थीसिया विभाग से भी बड़ी संख्या में पीजी संक्रमित हैं, जो सीधे मरीज के साथ जुड़े होते हैं। जीएमसी के आरथो विभाग में ही 22 चिकित्सा कर्मी संक्रमित हुए हैं। एसोसिएटेड अस्पतालों में प्रमुख रूप से मेडिसिन, आरथो, सर्जरी, ईएनटी, गायनी, त्वचा, कार्डियोलाजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलाजी, नेफरोलाजी, सीटीबीएस आदि में 30-40 फीसदी चिकित्सा स्टाफ संक्रमण की चपेट में आ चुका है। हालांकि ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए रूटीन सर्जरी बंद की गई है, लेकिन इमरजेंसी सर्जरी प्रबंधन में भी बड़ी संख्या में स्टाफ के संक्रमित होने से आगामी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कश्मीर के विभिन्न जिलों में सकारात्मकता दर अधिक होने से आम लोगों के साथ चिकित्सा स्टाफ तेजी से संक्रमण की चपेट में आया है। जम्मू संभाग में जिला जम्मू में सकारात्मकता दर पहली बार 6 के करीब पहुंची है और यहां भी विभिन्न अस्पतालों में निरंतर चिकित्सा स्टाफ संक्रमित हो रहा है। हालांकि सोमवार को जीएमसी के कुछ विभागों में पूर्व निर्धारित कुछ रूटीन सर्जरी की गई है, लेकिन नई रूटीन सर्जरी के लिए कोई पंजीकरण नहीं किया जा रहा।
जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डॉ. शशि सूदन का कहना है कि आपात सेवाओं को जारी रखते हुए डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों का रोस्टर बनाने के उचित प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लगभग सभी प्रमुख विभागों में चिकित्सा कर्मी संक्रमित हुए हैं। इसमें संक्रमित कर्मी को कम से कम सात दिन आइसोलेशन में रखा जाता है। कम्युनिटी मेडिसिन विभाग जीएमसी श्रीनगर के प्रोफेसर व एचओडी डॉ. सलीम खान के अनुसार अब तक 405 डॉक्टर, एमबीबीएस छात्र और पैरा मेडिकल स्टाफ संक्रमित हो चुका है। इसमें 145 डॉक्टर, 130 एमबीबीएस विद्यार्थी और 130 पैरा मेडिकल स्टाफ शामिल हैं।
जीएमसी जम्मू के आरथो विभाग के एक प्रोफेसर का बेटा और पत्नी के संक्रमित होन में पर उन्हें भी मजबूरन आइसोलेट होना पड़ा है। यही हाल अन्य कई विभागों में भी है, यहां चिकित्सा कर्मचारियों के बच्चे और दूसरे सदस्य संक्रमण की चपेट में आए हैं। इन परिस्थितियों में विभागीय कामकाज के साथ मानसिक दबाव बढ़ा है। इसमें उन्हें अपने परिवार के सदस्यों की देखभाल के साथ कोविड और गैर कोविड मरीजों को भी चिकित्सा देखभाल देनी पड़ रही है।