लखनऊ / दिल्ली । कोरोना वायरस जो कि ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत पिछले साल चीन के वुहान प्रांत के सीफ़ूड और पोल्ट्री बाजार मे हुई है, आज दुनिया भर के लिए एक घंभीर मामला बन गयी है। कोरोना वायरस के लक्षण एक मामूली ज़ुखाम से लेकर ज़्यादा गंभीर रोगों कि वजह हो सकती है जैसे कि मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (Middle East Respiratory Syndrome: MERS-CoV) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (Severe Acute Respiratory Syndrome: SARS-CoV ।
कोरोना वायरस ज़ूनोटिक (zoonotic) है जिसका अर्थ है पशुजन्य रोग | यह वायरस से इंसान और जानवर दोनों भुगत सकते है। इस वायरस के बारे में सबसे पहले चीन के वुहान प्रांत में पता चला है जिसके बाद इसकि पहुंच करीबन 70 देशों में पायी जा रही है। 23 जनवरी को, चीन कि गवर्नमेंट अधिकारियो ने बाकी देश और दुनिया से वुहान को, जिसकी जनता संख्या करीबन 1 करोड कि है, काट डाला और वहा से आने जाने वाले सभी ट्रांसपोर्ट को बंद करवा दिया गया।
जनवरी 30 ,2020 WHO(world health organisatio) ने इस वायरस आउटब्रेक को सामाजिक स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित कर दिया जो की यह एक अंतर्राष्ट्रीय चिंता का कारण बन चुका हैकोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही इसकी उत्पत्ति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दुनिया के कई देशों ने चीन पर इसे लैब में तैयार करने के आरोप लगाए हैं।
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे ‘चीनी वायरस’ करार दिया था। अब अमेरिका और ब्रिटेन कोविड-19 की संभावित उत्पत्ति की गहराई से जांच करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर लगातार दबाव बना रहे हैं।दोनों देशों का मानना है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए WHO की टीम को चीन का नए सिरे से दौरा करना चाहिए।
WHO और चीनी विशेषज्ञों ने बीते मार्च में एक रिपोर्ट जारी करके इस महामारी के उत्पन्न होने की चार संभावनाओं के बारे में जानकारी दी थी। टीम का मानना है कि कोरोना वायरस चमगादड़ से किसी अन्य जानवर में प्रवेश कर गया है वहीं दूसरी ओर ऐसा भी माना जाता है कि यह वायरस किसी लैब में तैयार किया गया है।
जिनेवा में अमेरिकी मिशन ने अपने एक बयान जारी कर कहा था कि कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर संयुक्त टीम की ओर से की गई पहले चरण की जांच अपर्याप्त और अनिर्णायक है इसके लिए दोबारा चीन का दौरा किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का भी यही कहना है कि ‘डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में वैश्विक अध्ययन पहला महत्वपूर्ण कदम है । यह इस बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने एवं आगे और आंकड़े जुटाने के लिये अगले चरण के अध्ययन की जरूरत को रेखांकित करता है।
डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई तथा आगे अध्ययन में सभी के सहयोग एवं समझ की जरूरत है।”लेकिन इस बीच जो ताज़ा स्टडी आई है उसमें साफ-साफ कहा गया है कि कोरोना वायरस का जन्म एक लैब में हुआ है, ये कोई प्राकृतिक तरह से पैदा हुआ वायरस नहीं है. वुहान लैब की पूरी कुंडली दिखाने का दावा ये स्टडी पूरे 22 पेज की है, जिसमें वुहान लैब की पूरी कुंडली है।
दावे के मुताबिक, साल 2002 से 2019 के बीच वुहान लैब में क्या-क्या हुआ, उसकी पूरी स्टडी इस रिपोर्ट में तैयार की गई है जो कोरोना वायरस को लेकर बड़े खुलासे कर सकती है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस दुनिया के सामने दिसंबर 2019 में आया था, उसी के बाद से अबतक दुनिया में इसके कारण तबाही मची है. लाखों लोगों की जान जा चुकी है और अभी भी लाखों लोग बीमार हैं।
दुनिया ने कई बार वुहान के पीछे चीन का हाथ बताया, लेकिन चीन हर बार इससे इनकार करता रहा है. WHO ने भी कोरोना के ओरिजिन को लेकर जांच शुरू की थी, लेकिन चीन गई टीम को वहां कुछ सहयोग नहीं मिल पाया, ऐसे में जांच लगातार सवालों के घेरे में रही।