बंगाल : मुख्य सचिव को मुक्त करने से ममता का इंकार

बंधोपाध्याय सोमवार को ही रिटायर होने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस से निपटने के उनके अनुभव के नाम पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार से कहकर उनका कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ाया था।

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लखनऊ / कोलकाता। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अलपन बंधोपाध्याय को लेकर ममता बनर्जी और केंद्र के बीच तनातनी  बढ़ती ही जा रही है। ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव को रिलीज करने से इनकार करते हुए अलपन बंधोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का ऐलान करके नई लड़ाई छेड़ दी है। 

जानकारी के मुताबिक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को रिपोर्ट करने में विफल रहने के लिए अल्पन बंधोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डीओपीटी मंत्रालय ने पूछा है कि आप के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए ? साथ ही उन्हें मंगलवार को 10:00 बजे तक रिपोर्ट करने को कहा था।

बता दें कि, केंद्र सरकार ने 28 तारीख को उन्हें दिल्ली अटैच करने का आदेश दिया था, उसी दिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक को लेकर विवाद सामने आया। सोमवार सुबह 10:00 बजे उन्हें दिल्ली में रिपोर्ट करना था। 

सुबह 10:00 बजे तक मुख्य सचिव अरविंद ने रिपोर्ट नहीं किया। इसके बजाए सुबह 11:00 बजे वह कोलकाता में राज्य सचिवालय पहुंचे जहां पर उन्होंने ममता बनर्जी के साथ यास तूफान और कोरोना से जुड़ी बैठक में हिस्सा लिया। 

5 पन्नों की लंबी चिट्ठी में ममता बनर्जी ने केंद्र के फैसले पर एक खास वजह से हैरानी जताई, ममता ने लिखा कि जिस केंद्र सरकार को मुख्य सचिव अलपन की नौकरी को इस कारण 3 महीने बढ़ाने पर सहमति जता दी गई थी कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के कारण स्थिति ठीक नहीं है, उसी ने 28 मई को उन्हें दिल्ली अटैच करने का आदेश आखिर क्यों जारी किया?

ऐसे में ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा है कि क्या इसका 28 मई की कलाइकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात से कोई लेना-देना है? उम्मीद करती हूं इस आदेश का उस बैठक से कोई लेना देना नहीं है। वहीं, बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि वह मुख्य सचिव अलपन को रिलीव नहीं कर सकती हैं।

बंधोपाध्याय सोमवार को ही रिटायर होने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस से निपटने के उनके अनुभव के नाम पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार से कहकर उनका कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ाया था।

लेकिन इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार में ऐसी तल्खी बढ़ गई कि केंद्र ने उन्हें सेवा विस्तार तो दिया लेकिन सोमवार को सुबह 11:00 बजे तक दिल्ली में रिपोर्ट करने का फरमान भी सुना दिया इसके बाद अल्पन के पास दो ही विकल्प हैं या तो केंद्रीय प्रति युक्ति पर दिल्ली में योगदान दें या फिर अपने तय समय पर इस्तीफा देकर रिटायरमेंट ले ले| शायद बंधोपाध्याय को दूसरा विकल्प सही लगा |

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