Asian Games : सोना चांदी से भर रही झोली भारत की

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लखनऊ /मुंबई।  जो देश खेलों की दुनिया की बड़ी ताकत नहीं है, उनके खाते में हमेशा सिल्वर और ब्रांज मेडल ज्यादा होते हैं और गोल्ड सबसे कम। ताकतवर देशों का आंकड़ा इसके उलट होता है। एक वक्त था, भारत के खाते में ब्रांज सबसे ज्यादा होते थे। अब भी ब्रांज ज्यादा है लेकिन अनुपात बहुत तेजी से सुधरा है।भारत अब तक 25 गोल्ड जीत चुका है। उम्मीद है ये संख्या और बढ़ सकती है।

एक समय था जब एशियाड में गोल्ड मेडल के मामले में दहाई अंक तक पहुंचना सपना हुआ करता था। लेकिन मौजूदा प्रदर्शन ने भारत को चीन, जापान और कोरिया के बाद निर्विवाद रूप से खेलों के मामले में एशिया की चौथी बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया है।

सबसे ज्यादा खुशी की बात ये है कि भारत के पोर्टफोलियों का काफी विस्तार हुआ है। सेपक तकरा जैसे गैर-परंपरागत खेलों तक में पदक मिले हैं। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने तीरंदाजी और निशानेबाजी जैसे खेलों में ओलंपिक चैंपियन ढूंढने के लिए 25 साल पहले बड़े कार्यक्रम शुरू किये थे। नतीजे बहुत धीरे-धीरे लेकिन लगातार आ रहे थे।2021 के टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अब उसके बाद एशियाड में। इन सफलताओं ने इस धारणा को खंडित किया है कि भारत वन स्पोर्ट्स कंट्री है।

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