कल्याण सिंह नहीं रहे। राजनाथ सिंह बोले, अपना बड़ा भाई और साथी खो दिया

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में भी कल्याण सिंह की महती भूमिका के लिए उन्हें यह देश हमेशा याद रखेगा। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है और मेरे लिए तो यह बहुत ही पीड़ादायक क्षण है कल्याण  सिंह  के निधन से मैंने अपना बड़ा भाई और साथी खोया है।

0
638

लखनऊ / दिल्ली । रामजन्मभूमि आंदोलन के सशक्त योद्धा एवं उ.प्र.के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को लखनऊ स्थित पीजीआई में निधन हो गया। कल्याण सिंह के जीवन का बड़ा हिस्सा राम मंदिर आंदोलन में खप गया। बीजेपी की मूल भावना दरअसल कल्याण सिंह जैसे लोगों की मूल भावना है। बाबरी विध्वंस के बाद उन्होंने तुष्टिकरण या सेक्युलर कार्ड खेलने के बजाय भीड़ के कृत की जिम्मेदारी लेना स्वीकार किया ।

इस मिजाज़ का नेता आज राजनीति में विरले ही मिलते हैं  अगर कल्याण सिंह राम मंदिर का दर्शन कर लेते तो उनकी अंतिम इच्छा पूरी हो जाती और उनके  इस्तीफे की भी भरपाई हो जाती। कल्याण सिंह जैसे भी थे विरले थे रक्षामंत्री एवं लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने  कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि,

कल्याण सिंह उ. प्र. ही नहीं भारतीय राजनीति की वह क़द्दावर हस्ती थे, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से देश और समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनका लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित रहा। वे उत्तर प्रदेश के अत्यंत लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में जाने गए। जनसंघ के समय से ही उन्होंने भाजपा को मज़बूत बनाने और समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने के लिए कड़ी मेहनत की।

उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में भी कल्याण सिंह की महती भूमिका के लिए उन्हें यह देश हमेशा याद रखेगा। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है और मेरे लिए तो यह बहुत ही पीड़ादायक क्षण है कल्याण  सिंह  के निधन से मैंने अपना बड़ा भाई और साथी खोया है। उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असम्भव है। ईश्वर उनके शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस कठिन घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे।

LEAVE A REPLY