लखनऊ / दिल्ली । पिछले साल मार्च में लॉकडाउन लगा था तो आपराधिक मामलों में गिरावट आई थी, लेकिन इस बार माना जा रहा कि पंचायत चुनाव और पिछले लॉकडाउन के चलते बढ़ी बेरोजगारी से लूट और डकैती की वारदात में इजाफा हुआ है।
लॉकडाउन में पिछले साल के मुकाबले इस साल अपराध के आंकड़ों पर नजर डालें तो दूसरी लहर में 1 मई से फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 63.64 फीसदी का इजाफ़ हुहुआ वहीं लॉकडाउन के दौरान रेप के मामलों में 9.76% की वृद्धि दर्ज की गई।
कोरोना की पहले लहर में जब पिछले साल लॉकडाउन लगा था तो अपराध के मामले में कमी आई थी ,परंतु दूसरी लहर के कहर के साथ ही कुछ आपराधिक मामलों रेप , अपहरण, डकैती, लूट में इजाफा हुआ है।
माना यह जा रहा है कि कोरोना जैसी महमारी के चलते लॉकडाउन लगने के कारण बढ़ी बेरोजगारी के बाद ही रेप, डकैती जैसे मामलों में इज़ाफा हुआ है।
हालांकि इस लॉकडाउन के दौरान हत्या, बलवा, गृहभेदन, दहेज मृत्यु के मामलों में कमी आई है. जबकि तीन साल के दौरान प्रदेश में रोड होल्ड अप की एक भी वारदात नहीं दर्ज की गई है. एक जनवरी से 15 मई तक की अवधि के दौरान वर्ष 2019 में 1,19,029 मुकदमे, वर्ष 2020 में 1,20,492 मुकदमे और वर्ष 2021 में 1,18,135 मुकदमे दर्ज हुए हैं।