उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मुख्यालयमें अजीबोगरीब स्थिति बन गई, जब उत्तरी नगर निगम ने दक्षिणी नगर निगम केकमिश्नर के पीएस का ऑफिस ही सील कर दिया. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम केकमिश्नर का ऑफिस सिविक सेंटर के नौवीं मंजिल पर है, लेकिन बाद में साउथएमसीडी ने खुद ही सील खोल दी. इससे पहले ही नोटिस में नॉर्थ ने साउथ कोचेताया था कि शुरुआत कमिश्नर ऑफिस से करेंगे. हैरानी तो तब है जब दोनों हीनगर निगम में बीजेपी का शासन है, लेकिन इसके बावजूद दोनों ही नगर निगम मेंइसके लेकर जबरदस्त खींचतान शुरू हो चुकी है.
दरअसल, सिविक सेंटर में उतरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगरनिगम का मुख्यालय है, लेकिन दिल्ली नगर निगम इसे अपना हिस्सा बताती है.वही, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इसमें किराएदार है, इसी मुद्दे को लेकर उतरी नगर निगम ने नोटिस जारी कियाथा कि किराए के रूप में दक्षिणी नगर निगम उन्हें पैसा दे. नोटिस में साफये कहा गया था कि अगर सात दिनों के अंदर किराए का पैसा नहीं दिया गया तोउनके दफ्तरों के ऑफिस को सील कर दिए जाएंगे और इसकी शुरुआत कमिश्नर ऑफिस सेहोगी.
उत्तरी नगर निगम के मुताबिक, दक्षिणी दिल्ली ने जब से यहां उनके दफ्तरबने हैं तब से एक रुपये भी नहीं दिया है. साल 2012 से लेकर 2016 तक कुल 810 करोड़ रुपये किराया बनता है, लेकिन कई बार नोटिस देने के बाद भी दक्षिणीदिल्ली नगर निगम इस मामले से पल्ला झाड़ते नजर आया है.
एमसीडी के विभाजन के बाद सिविक सेंटर का 40 फीसदी हिस्सा दक्षिणी दिल्ली को 40 फीसदी हिस्सा उत्तरी दिल्ली को और 20 फीसदी हिस्सा पूर्वी दिल्लीनगर निगम को मिला, जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम को जो मुख्यालय दिया गयाहै, जो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने दिया है. इस हिसाब से दक्षिणी दिल्ली केपास 60 फीसदी हिस्सा है, लिहाजा किराएदार तो उत्तरी दिल्ली है.