रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस

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मेरी अध्यक्षता में आज प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज का 7वां स्थापना दिवस समारोह सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में यहाँ राजभवन से ऑनलाइन सहभाग किया।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को अपना स्थापना दिवस मनाते समय अपनी प्रगति के साथ-साथ विद्यार्थियों की प्रगति को भी आंकना चाहिए। कहा कि विश्वविद्यालय का काम विद्यार्थियों को मात्र डिग्री या सार्टिफिकेट देना नही है, ना ही शिक्षा का मकसद सिर्फ डिग्री प्राप्त करना है। विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास ही शिक्षा का मूल उद्देश्य है। इसके लिए शिक्षा के दौरान ही विद्यार्थियों में विविध क्षमताओं का विकास, परिसर से बाहर की गतिविधियों में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता, व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ उनमें विविध प्रकार के कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रतिभागिता पर जोर दिया।
इसी क्रम में कमजोर विद्यार्थियों, दूर-दराज के क्षेत्रों में अवसर के आभावों आवासित विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए उनको भी विश्वविद्यालय को कार्यक्रम का हिस्सा बनाने को कहा। आगामी योग दिवस के दृष्टिगत विश्वविद्यालय में मनाये जा रहे योग-सप्ताह को लेकर योग को दिनचर्या में शामिल कराने को कहा। इस बार योग सप्ताह पर विश्वविद्यालय में नशा मुक्ति के लिए किए गए हवन को संकल्प की तरह आजीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया। मुक्त विश्वविद्यालयों को 10वीं अथवा 12वीं कक्षा में फेल होने के कारण अथवा अन्य परिस्थितियों में पढ़ाई छोड़ चुके विद्याथियों को भी अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों से जोड़ने, उनमें कौशल विकास का संवर्द्धन करके रोजगार परक योग्यता विकसित करने पर जोर दिया। कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हमारे आज के युवाओं को देश का कर्णधार मानते हैं और वे चाहते हैं कि देश में विकास की जो नींव रखी गयी है, हमारे भविष्य के कर्णधार उसे समग्र रूप से विकसित कर भारत की इमारत खड़ी करें।
इसी क्रम में विश्वविद्यायों द्वारा नैक ग्रेडिंग हेतु की जा रही तैयारियों से गुणवत्तापरक बदलावों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों में आपस में बढ़ी साझेदारी और सामन्जस्य का जिक्र भी किया। कहा कि हमारे कार्यों के लक्ष्य में हमारे विद्यार्थियों और देश के विकास का उद्देश्य होना चाहिए। शिक्षा के साथ-साथ देश में नैतिकता का प्रसार, विद्यार्थियों में सद्गुणों का विकास भी जरूरी बताया।
समारोह में कुलपति ने विश्वविद्यालयों के सभी उपस्थित शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों तथा अन्य महानुभावों को जीवन में कभी नशा न करने हेतु संकल्प भी कराया।

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